अयोध्या राम मंदिर का निर्माण

अयोध्या राम मंदिर का निर्माण

अयोध्या राम मंदिर का निर्माण अब तक विशेष गति से चल रहा है, और अब यह पूरा होने में थोड़ा समय और लगेगा। निर्माण कार्य को 31 दिसंबर तक पूरा करने के लिए कारीगरों की संख्या बढ़ाई जा रही है। अब तक मंदिर के निर्माण में 2500 कारीगरों को जोड़ा गया था, लेकिन यह बात बताई जा रही है कि अब 1000 और कारीगरों की संख्या बढ़ाई गई है। अर्थात अब मंदिर के निर्माण में कुल 3500 कारीगर लगे हैं।

आपको बताना चाहते हैं कि त्योहारों के चलते मंदिर के निर्माण में विलंब हो गया था। त्योहारों के कारण निर्माण की गति में कमी आ गई थी, जिसके कारण कुछ समय तक काम ठप हो गया था।

अयोध्या के महान और प्राचीन श्रीराम मंदिर का निर्माण भारतीय इतिहास का एक महत्त्वपूर्ण मंदिर है। इस मंदिर के निर्माण के लिए व्यापक प्रयासों के बाद अब यहां की शिल्पकला के महान कारीगरों की संख्या में वृद्धि की गई है।

मंदिर के निर्माण में 1000 अतिरिक्त कारीगरों को जोड़ने से अब इस महान कार्य को समाप्त करने के लिए तेजी से काम हो रहा है। जिसके परिणामस्वरूप अब 3500 कुशल कारीगर इस श्रीराम मंदिर के निर्माण में जुटे हुए हैं।

त्योहारों के आगमन ने निर्माण कार्य को धीमा कर दिया था। अनेक त्योहारों के आधे में, कारीगरों को अपने परिवारों और लोगों के साथ समय बिताने का भी अवसर मिला था। इसलिए निर्माण कार्य में थोड़ी विलंबना होना स्वाभाविक था।

राम मंदिर निर्माण की इस अत्यंत बड़ी प्रक्रिया में समर्थ और प्रतिष्ठित कारीगरों के सहयोग का महत्त्वपूर्ण योगदान है। इन शिल्पकारों के अद्भुत कौशल और समर्पण से, यह निर्माण कार्य अब और भी सुदृढ़ हो रहा है।

भव्य मंदिर का निर्माण समय और श्रम से भरपूर प्रयासों का परिणाम है। इसमें समाज के हर वर्ग ने भाग लिया है। निर्माण के कार्य में शिल्पकारों की संख्या में वृद्धि से, इस महान मंदिर का निर्माण अब तेजी से और भी सक्रियता से हो रहा है।

आखिरकार, इस प्रेरणादायक कार्य में सभी का सहयोग और अद्भुत योगदान मिल रहा है। अयोध्या के इस मंदिर का निर्माण भारतीय संस्कृति के विविधता और समृद्धि का प्रतीक होगा, जो हमारे देश को गर्वान्वित करेगा।

यह मंदिर 71 एकड़ में फैला हुआ है, जिसमें आसपास के राज्यों के कारीगर काम करने आए हैं। यहां बन रही मूर्तियाँ ओडिशा के कारीगरों द्वारा बनाई जा रही हैं। इसके अलावा, राजस्थान के कारीगर भी यहां दिखाई दे रहे हैं। यहां बड़े पत्थरों को काटकर काम किया जा रहा है।

वैसे ही, देश के विभिन्न कोनों से कारीगर रात-दिन मंदिर के निर्माण में काम कर रहे हैं। कहा जा रहा है कि त्योहार के कारण काम बीच में ठप हो गया था।

इस महान निर्माण के लिए देश भर के विभिन्न राज्यों के कारीगरों का साथ है। यहां के निर्माण में कारीगरों की भूमिका अत्यधिक महत्त्वपूर्ण है, जिनका समर्पण और कौशल इस मंदिर को अद्वितीय बना रहा है।

त्योहारों के आने से कुछ समय के लिए काम ठप हो गया था, लेकिन अब फिर से मंदिर के निर्माण का कार्य पुनः गति से जारी है। विभिन्न राज्यों से आए कारीगर अपनी मेहनत और समर्पण से इस मंदिर को नई ऊँचाइयों तक पहुंचाने में जुटे हुए हैं।