“कंकाल तंत्र”
भूमिका : – कंकाल तंत्र अस्थियों का बना हुआ ढांचा होता है। जो शरीर को एक निश्चित आकार प्रदान करता है। यह कोमल अंगों को सहारा देता है, तथा उनकी सुरक्षा करता है। कंकाल का अन्य मुख्य कार्य शरीर की गति में सहायता देना।हड्डियों को मांसपेशियों से जोड़ने तथा मांसपेशियों को संलगित होने के लिए आधार प्रदान करना, गति के लिए उत्तोलक या लीवर का कार्य करना है ।मानव कंकाल मानव शरीर का आंतरिक ढांचा है जो हड्डी, उपास्थि, जोड़, लिगामेंट की उपस्थिति से बना है। यह शरीर के द्रव्यमान का लगभग 20% होता है इसे osseous system भी कहते हैं। हमारी आज की चर्चा इसी परिप्रेक्ष्य में है
हड्डी- यह संयोजी उत्तक है, जो खनिजों, कैल्शियम फास्फेट, कॉलेजन,का गठन करता है। हड्डी शरीर के विभिन्न अंगों की रक्षा करती है ।रक्त कोशिकाओं का निर्माण करती है। खनिजों का भंडारण करती है। शरीर को संरचना और सहारा प्रदान करती है। यह लगभग 270 हड्डियों से बना होता है ,और कुछ हड्डियों के आपस में जुड़ने के बाद व्यस्क अवस्था तक 206 हड्डियों तक हो जाता है। हड्डी कैल्शियम कार्बोनेट के कारण कठोर होता है, जिसमें फास्फेट भी मिला होता है ।हड्डी का एक और प्रकार जो लचीला होता है, उसको कार्टिलेज या उपास्थि बोलते हैं। इसमें कैल्शियम फास्फेट होता है, कार्बोनेट नहीं मिला होता है। जिसकी वजह से यह सॉफ्ट होता है जैसे की हमारे नाक और कान में हड्डी जो पाई जाती है वो उपास्थि कि बनी होती हैं। हड्डी के प्रोटीन को ओसिन बोलते हैं, और उपास्थि के प्रोटीन को कोण्ड्रिन बोलते हैं। फास्फोरस के वजह से डेड बॉडी में आज आसानी से लग जाती है, क्योंकि माचिस में भी फास्फोरस की कुछ मात्रा पाई जाती है मानव के अस्थि पिंजर में 206 हड्डियां पाई जाती है इन्हें दो भागों में बांटा गया है 1- अक्षीय कंकाल (Axial skeleton) यह ऐसी हड्डियां होती हैं जो शरीर के नाजुक अंगों की सुरक्षा करती हैं इनकी संख्या 80 होती है इसके अंतर्गत सिर( head ) तथा धड़ (Trunk) की अस्थियां आती हैं। जो एक सी में स्थित होती हैं इसके अंतर्गत निम्नलिखित अस्थियां पाई जाती हैं खोपड़ी (Skull ) उरोस्थि तथा पसलियां (Sternum and Ribs) कशेरूकाएं आती हैं।
2- अनुबंदीय कंकाल (Appendicular skeleton ) ये वह हड्डियां होती हैं, जो चलने फिरने या गति करने के काम में आती हैं ।इसके अंतर्गत आने वाली अस्थियों को दो भागों में बांटा गया है (A) ऊपरी अग्रोग (Upper Limb) इसमें 64 हड्डियां होती हैं।Shoulder girdle – clavicle(1), scapula(1) ,Ulna(1), Radius(1),carpals(8),Metacarpals(5 ), Phalanges(14) इसमें एक साइड की,कंधे से लेकर हाथ की उंगलियां तक की हड्डियां होती हैं।
(B) (Lower Limb ) इसमें एक साइड की कमर से लेकर पैर की उंगलियां तक की हड्डियां आती हैं। जिनकी संख्या 62 होती है- Innominate bone(1), Femur (1), patella(1),Tibia(1),
Fibula(1), Tarsals (7), Metatarsal bones (5 )and Phalanges or digital (14 )
स्कल क्रेनियल आठ और फेशियल चौदह अस्थिओ से मिलकर बना है।
रिब्स में 24 हड्डियां और एक बीच में स्टर्नम होता है इनको मिलाकर एक केज बनाया जाता है जो हमारे फेफड़ों ,जिगर और पेट की सुरक्षा करते हैं क्रेनियल हमारे दिमाग की सुरक्षा करता है
हड्डियों का वर्गीकरण:- लंबी हड्डियां शरीर में लिवर का कार्य करती हैं जैसे ह्यूमर्स , फिमर, टिबिया,फीबुला आदि।
शॉर्ट बोन यह मानव शरीर की छोटी हड्डियां होती हैं जैसे कार्पल, टार्सल आदि यह शरीर को ताकत प्रदान करती हैं। फ्लैट बोन यह मानव शरीर की चपटी हड्डियां होती हैं जैसे स्कैपुला पसलियों की हड्डी आदि यह शरीर को सुरक्षा देती हैं। इरेगुलर बोन यह मानव शरीर की अनियमित हड्डियां होती हैं। खोपड़ी , कशेरुका, पेल्विक गरडल आदि यह बहुउद्देशीय कार्य करता है। सेसामोइड बोन ये मानव शरीर में बीज या तिल के आकार की हड्डियां होती हैं, जैसे पटेला,पीली फॉर्म, पहला मेटाकारल आदि ये मांसपेशियों और कंडारा के साथ तनाव को दूर करता है। न्यूमेटिक बोन हवा के रिक्त स्थान वाली हड्डियों को न्यूमेटिक बोन के रूप में जाना जाता है मैक्सिला और स्फेनोइड एक एयर कंडीशन के रूप में कार्य करता है।
कंकाल तंत्र से संबंधित कुछ महत्वपूर्ण तथ्य:- बोन सेल को ओसटियों साइट्स कहा जाता है। मानव शरीर का बोन जिस बोन टिशु से मिलकर बना होता है उसे ओसियस टिशु कहते हैं ।बोन के ऊपरी परत को पेरीओस्टियम कहा जाता है।मानव शरीर का बोन 38% ओसियन प्रोटीन 62% कैल्शियम फास्फेट और मैग्नीशियम फॉस्फेट का बना होता है ।बोन मैरो हमारे कुल शरीर के भार का 4% होता है तथा व्यस्क में 2.6 Kg होता है। बोन के घनत्व कम होने के कारण वयस्कों में ऑस्टियोपोरोसिस नामक रोग तथा बूढों में ओस्टियो मलेशिया नामक रोग हो जाता है। मानव शरीर में सबसे बड़ी बोन फिमर जाघ में होती है सबसे छोटी स्टेप्स कान में होती है, सबसे चौड़ी पेल्विक कमर में होती है ,सबसे मजबूत जबड़े में पाई जाती है ।त्वचा ,बाल और नाखून यह हमारे बाय कंकाल में आता है। दांत हाथ की हड्डी की ओसिफिकेशन आयु का निश्चय करने के लिए किया जाता है। हड्डियों में कड़ापन कैल्शियम की वजह से होता है मानव शरीर में हड्डियों को उनके आकार व आकृति के आधार पर वर्गीकृत किया गया है ।हड्डियों का अध्ययन करने वाले विज्ञान को ओस्टियोलॉजि कहते हैं कार्टिलेज के मैट्रिक्स में प्रोटीन मौजूद रहता है और उसे ओसिन प्रोटीन कहते हैं।
