करवा चौथ व्रत पर कुछ अलग लिखने की कोशिश| सुहागिनों के लिए अटूट प्रेम का प्रतीक है करवा चौथ का त्यौहार|

करवा चौथ व्रत पर कुछ अलग लिखने की कोशिश|

करवा चौथ व्रत पर कुछ अलग लिखने की कोशिश| सुहागिनों के लिए अटूट प्रेम का प्रतीक है करवा चौथ का त्यौहार|
सुहागिन महिलाओं का सबसे बड़ा त्योहार करवा चौथ का त्यौहार है lइस दिन सुहागिन महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र के लिए व्रत रखती है| यह प्रथl प्राचीन काल से चलती आ रही हैl अगर इस कथा पर संक्षिप्त प्रकाश डालें तो शास्त्रों के अनुसार करवा चौथ का व्रत सबसे पहले गौरी माता ने अपने पति भोलेनाथ की लंबी आयु के लिए यह व्रत रखा था lइस दिन उन्होंने पूरे दिन निर्जल उपवास रखकर चांद को अर्ध दिया था तभी से यह परंपरा चली आ रही है| पौराणिक शास्त्र के अनुसार यह व्रत पति की लंबी आयु के लिए निर्जल व्रत रखा जाता हैl लेकिन आधुनिक युग में तो मानव ने इसका मतलब ही बदल कर रख दिया है lपुरुषों की कहे तो वह इसे एक मात्र शारीरिक मिलन का त्योहार मानते हैं कुछ लोग तो शारीरिक मिलन का त्योहार मानते हैं तथा कुछ महिलाओं ने भी इस त्यौहार को अपनी इच्छा पूर्ति का एकमात्र साधन मान लिया है lक्योंकि इस दिन कुछ महिलाएं तो अपने पति से नई-नई डिमांड को इच्छाओं को पूरा करती हैं lयह बात लिखते हुए मुझे मशहूर कवि सुरेंद्र शर्मा की याद आ गई उन्होंने अपने एक वक्तव्य में सुनाया है lपत्नी अपनी इच्छाओं को पूरा करने के लिए अपने पति को इमोशनल ब्लैकमेल करती हैं lतथा धमकी भी देती है कि मेरे लिए सोने का हार ला मेरे लिए इस चीज खरीद नहीं तो व्रत तोड़ दूंगी पति भी मजबूर होकर किसी तरह से इच्छा पूर्ति करने की कोशिश करता हैl कुछ महिलाओं ने भी व्रत का मतलब ही बदल दिया है lलेकिन कुछ महिलाएं भी ऐसे जरूर होगी जो वास्तव में निर्जला व्रत रखकर अपने पति की लंबी आयु के लिए व्रत रखती है| अगर यूं माने तो वास्तव में यह व्रत पति की लंबी आयु के लिए ही गौरी माता ने रखा था lअपनी जरूर पूरे करने के चक्कर में नहीं रखा था lआज का दिन वास्तव में पतियों की खुशी का दिन होता है lपत्नियां अपने पति की लंबी आयु के लिए यह व्रत रखती है lतथा अपने पति को हर संभव खुश रखने का प्रयास करती हैl लेकिन कुछ भोली पत्नियां अपने पति पर नाराज हो जाती हैंl इस दिन उनसे बात भी नहीं करती तथा लड़ाई झगड़ा करती हैंl करवा चौथ का व्रत महिलाएं अपना पूरा शृंगार कर अपने पति को रिझाने की कोशिश करते हैंl तथा अपने पति की लंबी आयु के लिए यह व्रत रखती हैl भगवान का ध्यान करती हैं तथा परिवार की महिलाएं साथ बैठकर के कथा सुनती और सुनती हैं| शाम के समय चांद को अर्ध देकर अपने व्रत का तरण करती हैं| करवा चौथ का त्योहार पति-पत्नी के अटूट प्रेम का प्रतीक है महिलाएं इस दिन अपने पति को पूरे श्रृंगार कर पति को रिजाति है lयह त्यौहार जैसे कि आप जानते हैं कार्तिक मास की चतुर्दशी को मनाया जाता है यह त्यौहार हर सुहागिनों के अटूट प्रेम का प्रतीक है|