नैनीताल: 3 दिन में ‘आदमखोर’ बाघ ने 2 महिलाओं को मार डाला

नैनीताल: 3 दिन में 'आदमखोर' बाघ ने 2 महिलाओं को मार डाला

नैनीताल: 3 दिन में ‘आदमखोर’ बाघ ने 2 महिलाओं को मार डाला,उत्तराखंड के प्राकृतिक सौंदर्य से भरपूर नैनीताल-भीमताल इलाके में एक चौंकाने वाली घटना सामने आई है। इस इलाके में 10 दिनों के अंदर अनेक महिलाओं और मवेशियों को मार डालने वाला आदमखोर बाघ वन विभाग टीम द्वारा सफलतापूर्वक पकड़ लिया गया है।

25 दिसंबर 2023 को एक खबर में सामने आया था कि आदमखोर बाघ ने एक गाय को शिकार बना लिया था। इस खबर के समाचार को सुनते ही वन विभाग की टीम तत्काल उस स्थान पर पहुंची और रेस्क्यू टीम के साथ संयुक्त प्रयास किया।

प्रारंभ में ऐसा लग रहा था कि आदमखोर बाघ को पकड़ने में कई हफ्ते या महीने भी लग सकते हैं, लेकिन वन विभाग टीम की तेजी ने सभी को हैरान कर दिया। उन्होंने बिना किसी देरी के बाघ को दबोचा।

इस घटना ने लोगों में आश्चर्य और खुशी दोनों भर दी है। उत्तराखंड के प्राकृतिक विविधता के बीच रहने वाले लोगों के लिए यह समाचार खास रूप से महत्त्वपूर्ण है। वन विभाग की प्रशासनिक क्षमता और कुशलता को सराहा जाना चाहिए जो इस बड़ी समस्या को तत्काल से संभालकर उसे समाप्त करने में सफल रहा।

इस घटना से नैनीताल-भीमताल इलाके के लोगों में भरपूर आत्मविश्वास और सुरक्षा की भावना बढ़ी है। वन्य जीवन के संरक्षण में जुटी सरकारी अधिकारियों की यह उपलब्धि सामाजिक जीवन में एक प्रेरणास्त्रोत बन सकती है।

आदमखोर बाघ के पकड़े जाने से नहीं सिर्फ वन्य जीवन की सुरक्षा हुई, बल्कि साथ ही स्थानीय लोगों की भी सुरक्षा और सुरक्षित माहौल को बढ़ावा मिला है।

अब नैनीताल-भीमताल इलाके के लोग और भी शांतिपूर्ण और सुरक्षित महसूस करेंगे, जो अपनी प्राकृतिक सुंदरता के साथ-साथ वन्य जीवन के संरक्षण में भी सक्रिय रहेगा।

देर रात के सर्दी भरे मौसम में आदमखोर बाघ को ढूंढना कोई आसान काम नहीं था। यह कार्य उन्हें सुई को ढूंढने की मानो तुलना में ज्यादा मुश्किल लग रहा था।

टीम ने पहाड़ी जंगलों में टाइगर का पता लगाने के लिए मेहनत और संघर्ष किया। वे टाइगर के मुख्य मार्ग से तीन किलोमीटर नीचे बेहोश हालत में उसे पा लिया। इस दुर्गम कार्य में टीम ने तीन घंटे तक कठिनाइयों का सामना किया।

टाइगर को पकड़ने वाले भी बहुत घबराए हुए थे, उनके पसीने छूट रहे थे और बीच-बीच में टाइगर को इंजेक्शन भी दिया जा रहा था ताकि वह बेहोश रहे।

इस कठिनाई भरे कार्य में, टीम ने बहादुरी से काम किया। उन्होंने साहस और समर्पण से टाइगर को सुरक्षित रूप से पकड़ा और उसे संरक्षण के लिए सहायता पहुंचाई। इस कठिनाई और डरावने कार्य में उनकी मेहनत ने उन्हें सफलता दिलाई।

टीम का यह प्रयास जंगली जानवरों की रक्षा में एक महत्वपूर्ण कदम था जो उनकी संरक्षण और उनके सुरक्षित बचाव के लिए महत्वपूर्ण है।

आपको बताना चाहते हैं कि इस प्रकार का प्रोजेक्ट पूरा काफी ज्यादा खतरे वाला काम होता है। क्योंकि आपको बताना चाहते हैं कि इसमें टाइगर को पकड़ने वालों की भी मौत हो सकती।

ऐसे में फिर बाद में उनके परिवार वाले घर में मातम मनाते रहते हैं। इसलिए क्योंकि उनके घर में पैसे कमाने वाला सिर्फ एक व्यक्ति होता है।