भारतीय गृहमंत्री अमित शाह ने शनिवार को वादा किया कि अगर भाजपा तेलंगाना में सत्ता में आती है, तो अयोध्या के राम मंदिर की दर्शन निःशुल्क होंगे। गडवाल में एक चुनावी रैली में भाषण देते हुए, अमित शाह ने लोगों से भाजपा को सत्ता में लाने की अपील की और उन्हें निःशुल्क अयोध्या दर्शन के लिए भेजने का वादा किया। शाह ने कांग्रेस पर आरोप लगाया कि राम मंदिर का निर्माण 70 सालों तक देरी से हुआ है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने न केवल मंदिर का शिलान्यास किया है बल्कि 22 जनवरी को उसे उद्घाटन भी करेंगे।
भारतीय राजनीति में राम मंदिर का निर्माण और उसकी दर्शन की मांग बहुत समय से रही है। अमित शाह ने इस वादे के माध्यम से भाजपा को तेलंगाना में सत्ता में लाने के लिए लोगों को आकर्षित करने की कोशिश की है। उन्होंने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि उनकी सरकार ने राम मंदिर के निर्माण में देरी की है और भाजपा की सरकार तेलंगाना में ऐसा कुछ नहीं करेगी।
नरेंद्र मोदी की भाजपा के नेतृत्व में राम मंदिर के निर्माण का शिलान्यास हो चुका है और उनकी सरकार ने इसे अंजने में नहीं छोड़ा है। जनवरी 22 को मंदिर का उद्घाटन करने का भी ऐलान किया गया है।
अमित शाह ने अपने भाषण में भाजपा के वादे को मानने की अपील की और अयोध्या के राम मंदिर के दर्शन की सुविधा का वादा किया। उन्होंने लोगों से भाजपा को सत्ता में लाने के लिए समर्थन करने की बात कही और उन्होंने कांग्रेस को राम मंदिर के निर्माण में देरी करने का आरोप लगाया।
अमित शाह ने फिर से दोहराया कि अगर भाजपा सत्ता में आती है, तो वह पिछड़ा वर्ग (बैकवर्ड क्लास) से एक नेता को मुख्यमंत्री बनाएगी। पिछड़े वर्ग 52 प्रतिशत राज्य की जनसंख्या का हिस्सा हैं और यहां 135 पिछड़े वर्गीय समुदाय हैं, लेकिन कभी भी राज्य का मुख्यमंत्री पिछड़े वर्ग से नहीं रहा है। उन्होंने BRS और कांग्रेस को टिकट देने में अन्याय का आरोप लगाते हुए दावा किया कि भाजपा ने सबसे अधिक टिकट पिछड़े वर्ग को दिए हैं। अमित शाह ने कहा कि ‘नरेंद्र मोदी के रूप में भाजपा ने भारत को पहले पिछड़े वर्ग के प्रधानमंत्री दिया। मोदी सरकार में 27 मंत्रियों में से पिछड़े वर्ग के हैं।’
अमित शाह का यह वादा पिछड़े वर्ग के नेताओं और जनसामान्य के लिए एक महत्त्वपूर्ण कदम है। राज्य के पिछड़े वर्गीय समुदायों की संख्या को ध्यान में रखते हुए, उन्होंने इस वादे को चुनावी प्रस्ताव का हिस्सा बनाया है। उन्होंने पिछड़े वर्ग के लोगों के लिए भाजपा की सरकार में समानता और समावेशन की भावना को मजबूत करने का प्रयास किया है।
अमित शाह ने नरेंद्र मोदी को पिछड़े वर्ग से जुड़े बड़े नेता के रूप में प्रस्तुत किया है और उनकी सरकार ने भारतीय राजनीति में एक नया मायना स्थापित किया है। यह साबित करता है कि अमित शाह और भाजपा ने पिछड़े वर्ग के उत्थान और समर्थन में गहरा रुचि दिखाया है। यह जानकारी पसंद आई है तो ज्यादा से ज्यादा शेयर करें।