मानव शरीर में खनिज लवण का महत्व

मानव शरीर में खनिज लवण का महत्व

भूमिका- मानव का शरीर रसायनिक अणुओंं (केमिकल कंपाउंड )से मिलकर बना है। इन रसायनिक अणुओंं को रसायनिक तत्व भी कहा जाता है। रासायनिक अणु दो या दो से अधिक रसायनिक घटकों के रसायनिक बंध (केमिकल बॉन्ड)से बना होता है।रसायनिक अणु में प्रत्येक घटक का एक निश्चित अनुपात रहता है,। उदाहरण के लिए कार्बोहाइड्रेट नामक रसायनिक अणु में तीन रसायनिक घटक पाए जाते हैं- कार्बन ,हाइड्रोजन और ऑक्सीजन। केमिकल बॉन्ड के अनुसार इनका अनुपात 1:2:1 होता है।


इन रसायनिक अणुओंं (केमिकल कंपाउंड्स)को रसायनिक घटकों (केमिकल एलिमेंट्स)के कारण दो प्रकार में विभाजित किया गया है- (1)जैविक अणु ऑर्गेनिक कंपाउंड (2)अजैविक अणु इन ऑर्गेनिक कंपाउंड
जैविक अणु- इसे कार्बनिक भी कहा जाता है,क्योंकि इसमें कार्बन नामक घटक हाइड्रोजन के साथ रहते हैं। इसके अंतर्गत चार प्रकार के अणु आते हैं जिससे मानव शरीर का लगभग 96% भाग बनता है ।कार्बोहाइड्रेट ,वसा प्रोटीन ,नाभिकीय अम्ल।


कुल मिलाकर देखा जाए जैविक अणुओंं में कार्बन ,हाइड्रोजन, ऑक्सीजन तथा नाइट्रोजन मुख्य रूप से मानव शरीर में रहते हैं।


अजैविक अणु इसे अकार्बोनिक भी कहा जाता है खनिज लवण अजैविक कंपाउंड होते हैं क्योंकि इनमें कार्बन निहित नहीं होता,। खनिज लवणों को मनुष्यों के शरीर में उपस्थित मात्रा के आधार पर दो प्रकार में विभाजित किया गया है,-मुख्य खनिज लवण तथा लघु खनिज लवण ,लघु खनिज लवणों को ट्रेस मिनरल्स भी कहा जाता है, क्योंकि यह बहुत ही कम मात्रा में रहते हैं मुख्य व लघु खनिज लवणों की श्रेणी में आने वाले खनिज लवण निम्न हैं।-मुख्य खनिज लवण जिसको प्रतिदिन लिया जाता है इतनी मात्रा में
कैल्शियम800ml/डे, फास्फोरस 1.2g/डे, पोटैशियम 2.3g/डे, सल्फर0.3g/डे सोडियम 2g/डे, क्लोरीन2.5g/डे ,मैग्नीशियम 1.2g/डे,।


लघु खनिज लवण,- आयरन, कोबाल्ट, कॉपर, जिंक ,आयोडीन, क्रोमियम, सेलिनियम ,मोलिब्डिनम, मैंगनीज, फ्लोरीन, खनिज लवण हमारे शरीर में अनेक महत्वपूर्ण कार्य करते हैं। शरीर के विभिन्न निर्माण कार्यो में भाग लेना शरीर के विभिन्न क्रियाओ पर नियंत्रण रखना, आइये विस्तार से इनके कार्यों के बारे में जानते हैं-
शरीर में जितनी मात्रा खनिज लवणों की पायी जाती हैं उसमें सबसे अधिक भाग कैल्शियम की होती है,। एक स्वस्थ व्यस्क व्यक्ति में शरीर के भार का लगभग 1.5 से 2% भाग कैल्शियम का होता है कुल कैल्शियम की मात्रा में से लगभग 98% भाग अस्थियों तथा दांतों में पाया जाता है इसकी शेष मात्रा रक्त तथा मांसपेशियों में निहित रहती है । रक्त अौर अस्थियों के मध्य कैल्शियम का संतुलन बना रहता है। जैसा कि कैल्शियम मांसपेशियों के संकुचन से लेकर कोशिका विभाजन तक के जीवन संबंधी क्रिया में भाग लेता
है ,जैसे दातों व हड्डियों का बनना, रक्त का जमना, मांसपेशियों का संकुचन, हृदय क्रिया, महिलाओं में दूध का बनना, विद्युतीय व रासायनिक संदेशों का आदान-प्रदान, कोशिका को झिल्ली में बांधकर रखना, एंजाइम एवं हार्मोन का चयापचय करना, आंख के पर्दे रेटिना पर प्रकाश को विद्युतीय संवेगों द्वारा भेजना आदि।
इनके महत्व को देखते हुए इनके स्रोत व इनके (खनिज लवण)कमी से शरीर में होने वाले रोगों, पर चर्चा करना जरूरी हो जाता हैकैल्शियम का सबसे प्रमुख स्रोत दूध होता है ।दूध के अलावा मक्खन ,फूलगोभी, बंद गोभी, पनीर आदि से भी कम मात्रा में कैल्शियम प्राप्त किया जा सकता है। कैल्शियम की कमी से बच्चों में रिकेट्स व प्रौणावस्था में ओस्टिओमलेशिया नामक रोग हो जाता है। फास्फोरसकैल्शियम के बाद सबसे अधिक मात्रा शरीर में फास्फोरस की आती है यह है कैल्शियम के साथ मिलकर धातु तथा अस्थियों के निर्माण में भाग लेता है ।स्रोत- दूध, मक्खन, सूअर का मांस ,साबुत अनाज, दाल, फली आदि चीज शामिल है। फास्फोरस की कमी से वे सारे रोग होते हैं जो कैल्शियम के कमी से हो जाते हैं। पोटेशियम तीसरे सर्वाधिककं खनिज तत्व के रूप में शरीर में पाया जाता है इसकी प्राप्ति का स्रोत, सभी प्रकार का भोजन है।पोटेशियम पॉजिटिव चार्ज का इलेक्ट्रोलाइट है जो कोशिकाओं में रहता है प्राय: शरीर में आवश्यकता से अधिक मात्रा में आया हुआ पोटेशियम मूत्र के रास्ते बाहर आ जाता है। इसकी कमी से हाइपोकैलेमिया रोग हो जाता है जिसमें शरीर में पानी की कमी हो जाती है। सोडियम शरीर में जल संतुलन के लिए सर्वाधिक महत्वपूर्ण तत्व है शरीर में मुख्यता सोडियम क्लोरीन के साथ मिश्रण के रूप में पाया जाता है। इसकी प्राप्ति का स्रोत साधारण सफेद नमक है।इसकी कमी से रक्त प्लाज्मा में इलेक्ट्रोलाइट की कमी आ जाती है, जिसे हम हाइपोएट्रिमिया नामक रोग कहते है। लौह तत्व हमारे शरीर के अति आवश्यक तत्वों में से एक है यह रक्त निर्माण में मुख्य भूमिका अदा करता है। इसकी कमी से एनीमिया रोग हो जाता है। संक्षेप में हम कह सकते है कि खनिज लवण की आवश्यकता हमारे शरीर में अल्प मात्रा में होती है। शरीर के उचित विकास तथा अच्छे स्वास्थ्य के लिए प्रत्येक खनिज लवण आवश्यक है।