मिजोरम विधानसभा चुनाव 2023 के परिणामों के बाद, भविष्य में राज्य से एमएनएफ सरकार हटाई जाएगी और भविष्य में जेडपीएम सत्ता में आएगी। इस बार लालदुहोमा की पार्टी ने एक बड़ी जीत हासिल करके इतिहास रचा है। पहली बार इतिहास में मिजोरम की 40 सदस्यीय विधानसभा में तीन महिला उम्मीदवारों को चुना गया है। यह एक महत्त्वपूर्ण घटना है, इस बार 16 महिलाएं विधानसभा चुनाव में उम्मीदवारी दी थी। लेकिन कुल मिलाकर 16 महिलाओं में से केवल 3 महिलाएं विजयी हो सकीं। ये महिलाएं सचमुच महान काम की योग्यता रखती हैं।
विधानसभा चुनावों में मिजोरम की राजनीति में एक बड़ी बदलाव देखने को मिला है। मिजोरम नेशनल फ्रंट (एमएनएफ) के सत्ता से हटने के बाद, जेडपीएम (जणता पार्टी मिजोरम) की जीत से जुड़ी उम्मीदें हैं। लालदुहोमा की पार्टी ने विशेष रूप से ऐतिहासिक जीत हासिल की है।
मिजोरम की राजनीति में महिलाओं की उम्मीदवारी बढ़ाने के लिए यह चुनाव महत्त्वपूर्ण है। इस बार 40 सदस्यीय विधानसभा में से केवल तीन महिलाएं चुनी गईं, लेकिन उन्होंने अपनी भूमिका में महत्त्वपूर्ण योगदान दिया है।
मिजोरम की राजनीति में महिलाओं की उम्मीदवारी में इस बार बढ़ोतरी होने से यह स्पष्ट होता है कि समाज में जागरूकता बढ़ रही है। महिलाओं की सशक्तिकरण के संकेत के रूप में, इन चुनावों ने महिलाओं को राजनीतिक स्फीति में जगह देने की दिशा में एक महत्त्वपूर्ण कदम उठाया है।
यह जीत मिजोरम में राजनीतिक परिवर्तन के संकेत है। इससे स्पष्ट होता है कि लोगों की आशाएं और मांगें समाज में नये दृष्टिकोण और नेतृत्व की ओर हैं। मिजोरम के इस चुनाव में महिलाओं का सशक्तिकरण और उनके प्रति समाज की दृष्टि में परिवर्तन देखने को मिला है।
इस तरह, मिजोरम के इस चुनाव ने न केवल राजनीतिक दृष्टिकोण से बल्कि समाज में सामाजिक परिवर्तन की दिशा में एक नया मार्ग प्रशस्त किया है। यहां तक कि महिलाओं की उम्मीदवारी में वृद्धि का संकेत यह दिखाता है कि समाज में नारी शक्ति को मिल रही मान्यता और सम्मान।
मिजोरम के इस चुनाव के परिणामों ने एक नई दिशा दिखाई है, जो न केवल राजनीतिक दृष्टिकोण से बल्कि समाज के रूप में भी एक सकारात्मक परिवर्तन की ओर संकेत करता है।
नवंबर 7 की विधानसभा चुनावों में 174 उम्मीदवारों के साथ-साथ 16 महिलाएं चुनाव लड़ रही थीं। जबकि 2018 में, 18 महिलाओं के साथ-साथ 209 उम्मीदवार चुनाव लड़ रहे थे। इसके अलावा, 2013 में, 6 महिला उम्मीदवारों के साथ-साथ 136 उम्मीदवार चुनाव लड़ रहे थे। 2013 और 2018 के चुनावों में कोई महिला उम्मीदवार जीत नहीं सकी। लेकिन मैं आपको यह बताना चाहता हूँ कि 2023 में तीन महिला उम्मीदवार जीत सकीं। 2023 में 16 महिला उम्मीदवार थीं, जिनमें से तीन जीतीं। यह एक बड़ी बात है।
आपको बताना चाहते हैं कि यह न केवल एक चुनावी लड़ाई थी बल्कि इस लड़ाई से यह भी साबित होता है की महिलाएं चाहे तो हर एक क्षेत्र में आगे बढ़कर जीत हासिल कर सकती हैं। हम आपके लिए आए दिन राजनीतिक से जुडी नई न्यूज़ लेकर आते रहते हैं। यदि जानकारी अच्छी लगी है तो आप इसको ज्यादा से ज्यादा शेयर करें।