“मोबाइल आधारित शासन”

"मोबाइल आधारित शासन"

“मोबाइल आधारित शासन”

भूमिका-21वीं सदी में मोबाइल ने संचार के क्षेत्र में क्रांति ला दी है।शासन के तरीकों में परिवर्तन लाने के लिए मोबाइल को एक महत्वपूर्ण साधन के रूप में देखा जा रहा है।शुरुआत में मोबाइल का उपयोग सिर्फ संचार के माध्यम के रूप में किया जाता था लेकिन सरकारी एजेंसी के द्वारा आज इसका उपयोग लोगों तक न सिर्फ महत्वपूर्ण जानकारियां पहुंचाने के लिए किया जा रहा है बल्कि उन्हें “कभी भी एवं कहीं भी” सरकारी सेवाएं उपलब्ध करवाई जाने के उद्देश्य से किया जा रहा है। आज मोबाइल के माध्यम से लोगों के स्वास्थ्य, शिक्षा, बैंकिंग , व्यवसाय इत्यादि से संबंधित सेवाएं उपलब्ध कराई जा रही हैं। अतः हमारी आज की चर्चा इसी परिप्रेक्ष्य में होने वाली है-

दूरसंचार विभाग एवं भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण के अनुसार ,भारतीय दूरसंचार क्षेत्र में पिछले कुछ वर्षों के दौरान अभूतपूर्व वृद्धि दर्ज की गई है और आज चीन के बाद दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा टेलीफोन नेटवर्क है।

मोबाइल आधारित शासन एक अलग एवं बिल्कुल नए ढांचे के रूप में सामने आया है जिसका उद्देश्य देश में बेतार संचार प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में हुई जबरदस्त वृद्धि एवं इसकी दूरगामी पहुंच का लाभ उठाते हुए लोगों को यह सेवा उपलब्ध करवाना है।

इस शासन का निर्धारण एवं कार्यान्वयन भारत सरकार के इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी विभाग द्वारा किया गया है।
पिछले दशक में स्मार्टफोन एवं बेतार आधारित अन्य तकनीकों के प्रयोग से देश में जबरदस्त बदलाव देखने को मिला है।इसी स्थिति का लाभ उठाने के लिए मोबाइल का प्रयोग एक माध्यम के रूप में किया जा रहा है ताकि जन -जन तक लोक सेवाओं को आसानी से पहुंचा जा सके।

मोबाइल आधारित शासन का उद्देश्य लोगों को मोबाइल फोन एवं टैबलेट के माध्यम से सरकारी सेवाएं उपलब्ध करवाना है।इसके तहत एक ऐसा बुनियादी ढांचा तैयार किया गया है जिसकी मदद से लोगों को हस्तचालित उपकरणों के माध्यम से ये सेवाएं उपलब्ध करवाई जा सकें। मोबाइल सेवा सामान्य ई- शासन की बुनियादी सुविधाओं, जिसमें राज्य आंकड़ा केंद्र(एसडीसी), राज्य विस्तृत क्षेत्र नेटवर्क
(एसडब्ल्यूएएन) ,राज्य एवं राष्ट्रीय सेवा प्रदायगी गेटवे (एसएसडीजी/एनएसडीजी) शामिल है, को मोबाइल प्लेटफॉर्म के साथ जोड़ने का कार्य करता है।

आज भी देश में लाखों लोग ऐसे हैं जिनके पास इंटरनेट की सुविधा उपलब्ध नहीं है जिसकी वजह से इंटरनेट के माध्यम से वे उपलब्ध कराई जा रही सरकारी/ लोक सेवाओं का लाभ नहीं उठा पाते हैं, जो देश के समग्र विकास में बाधा बन रही है।इसी बात का ध्यान रखते हुए भारत सरकार द्वारा “मोबाइल आधारित शासन” की पहल की गई है। पिछले दशक में,मोबाइल फोन की वजह से विश्व भर में कई बदलाव देखने को मिले हैं।हम सब यह जानते हैं कि भारत के अधिकांश जनसंख्या आज भी ग्रामीण क्षेत्र में निवास करती है,इसीलिए मोबाइल फोन ही सबसे आदर्श माध्यम है जिसकी मदद से सरकारी /लोक सेवाओं को ग्रामीण क्षेत्रों में रह रहे लोगों तक आसानी से पहुंचाया जा सकता है।

संक्षेप में-
हम कह सकते हैं कि मोबाइल सेवा के रूप में एक ऐसा एकल प्लेटफार्म तैयार किया गया है जिसकी मदद से नागरिकों को सरकारी विभागों से संबंधित सभी सेवाएं यहां एक ही जगह पर उपलब्ध कराई जा सकें तथा जो सेवाओं के आदान- प्रदान की इस प्रक्रिया को सहज एवं सरल रूप से कार्यान्वित कर सके। सरकारी सेवाओं की प्रदायगी के लिए इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी विभाग ‘की ओर से सी- डेक द्वारा यह प्लेटफॉर्म तैयार किया गया है एवं गेटवे का कार्यान्वयन किया गया है।

नागरिकों को यह सेवाएं मोबाइल पर उपलब्ध करवाने के लिए मोबाइल के विभिन्न संचार चैनल जैसे एसएमएस (लघु संदेश सेवा), यूएसएसडी (असंरचित पूरक सेवा डाटा) , आईवीआरएस (इंटरएक्टिव वॉइस रिस्पांस) सीबीएस(सेल प्रसारण आधारित सेवाएं ),एलबीएस (अवस्थिति आधारित सेवाएं)एवं स्मार्टफोन में उपलब्ध मोबाइल एप्लीकेशन (अनुप्रयोग)की मदद ली गई है।