“व्यक्तिगत स्वच्छता”
भूमिका- हाईजीन शब्द ग्रीक शब्द ‘हाइजीनस’ से लिया गया है जिसका अर्थ है ‘सुंदर होना’। ग्रीक में इसे हाइजिया भी कहते हैं जिसका अर्थ है ‘स्वास्थ्य की देवी’।
आधुनिक जीवन में इसका अर्थ है, जीने की कला। शरीर ठीक ढंग से कार्य करता रहे इसके लिए उपयुक्त साफ-सफाई जरूरी है। इस तरह की स्वच्छता को व्यक्तिगत स्वच्छता कहते हैं। इसका अर्थ है कि व्यक्ति को स्वस्थ बनाए रखने के लिए बचावकारी दवा तथा शारीरिक ज्ञान की पढ़ाई तथा उपयोग। दूसरे शब्दों में, व्यक्तिगत स्वच्छता का अर्थ है कि व्यक्ति उपयुक्त ढंग से रहकर साफ सफाई की तरफ ध्यान देकर, व्यायाम, आराम, नींद तथा वेंटिलेशन की तरफ़ ध्यान देकर अपनी सेहत को ठीक रख सकता है। अतः हमारी आज की चर्चा इसी परिप्रेक्ष्य में होने वाली है-
अच्छी सफाई अच्छी सेहत का महत्वपूर्ण अंग है। यह बीमारियों से बचाव का एक प्रभावशाली ढंग है। अतः हमें खुद को स्वच्छ तथा स्वस्थ रखना सीखना चाहिए। बच्चों में व्यक्तिगत साफ- सफाई की आदतों का विकास करना चाहिए ताकि वे स्वस्थ रह सकें। व्यक्तिगत सफाई में शामिल हैं-
दांतों की सफाई ,कान, नाक, नाखून, त्वचा की स्वच्छता,
मलत्याग की आदतें, स्वच्छ कपड़े आदि।जिसका संक्षेप में वर्णन हम निम्नलिखित रूप में कर सकते हैं
दांत:-दांतों को प्रत्येक भोजन के बाद साफ करना चाहिए ताकि दांतों में कुछ फंसा हुआ न रहे जिससे तीव्र दर्द, पायरिया ,दांत का नुकसान तथा चेहरे की आकृति खराब हो जाती है। अतः विशेषकर रात को खाना खाने के बाद दांत साफ करें। ऊपर से नीचे की ओर दातों को ब्रश करें।
कान:-कानों की साफ-सफाई बहुत जरूरी है। कान से हम सुनते हैं। कान में तेज़ वस्तु जैसे सूई, पिन आदि न डालें। कफ तथा कोल्ड को अनदेखा न करें। यदि कान में कुछ बहता है या दर्द है, डॉक्टर की सलाह लें।
आंख:-आंखों को बचाने के लिए निम्न बातें ध्यान में रखना चाहिए-
ताजे पानी से आंख धोए, आंखों को धूल, मिट्टी, धुएं ,तेज रोशनी तथा जलन पैदा करने वाले वाष्पों से बचाएं, साफ सुथरा अपना अलग तौलिया या रुमाल प्रयोग करें।यदि आंखें लाल, सूजी हुई या पानी से भरी हों तो डॉक्टर से मिलें। आंखों को स्वस्थ रखने के लिए,पोषक भोजन लेना चाहिए।
नाक:-नाक सुनने की शक्ति प्रदान करने वाला महत्वपूर्ण अंग है जिसे स्वच्छ रखना चाहिए।नाक के द्वारा हम सांस लेते हैं और यदि नाक बंद है तो हम मुंह द्वारा सांस लेना शुरू कर देते हैं जिससे हमारा श्वसन तंत्र खराब हो जाता है तथा इससे गंभीर बीमारियां लग जाती ।अतः नाक को साफ रखना चाहिए तथा यदि कोई समस्या हो तो डॉक्टर की सलाह लेनी चाहिए।
नाखून तथा उंगलियां:- गंदे नाखून से हमें बहुत सी बीमारियां हो सकती हैं, नाखून के दूषित होने से हमारा भोजन भी दूषित हो जाता है ।नाखूनों को छोटा रखना चाहिए जिससे मिट्टी नहीं जमती तथा दूषित होने की संभावना कम रहती है।दांतों से नाखून को नहीं काटना चाहिए नहीं तो मुंह तथा गले की गंभीर बीमारियां पनप सकती हैं।
त्वचा:-अपने आसपास में दूषित वातावरण के खतरनाक प्रभावों से बचने के लिए हमें अपनी त्वचा प्रतिदिन साफ करनी व धोनी चाहिए।स्नान करने से शरीर तरो- ताजा वह चुस्त बनता है।सर्दियों में सन-बाथ ज्यादा उपयोगी होता है जिससे विटामिन ‘डी’ तथा ‘के’ मिलता है तथा शक्ति स्फूर्ति मिलती है जो बीमारियों के खिलाफ प्रतिरोध पैदा करती है।
कपड़े:- नहाने के साथ-साथ हमें स्वच्छ कपड़े भी पहनना चाहिए कपड़े ठीक व फिट हो, मौसम और व्यवसाय के अनुरूप कपड़े पहने क्योंकि अच्छी पोशाक व्यक्तित्व में चार चांद लगाते हैं।
बाल:-बालों में अच्छी तरह से कंघी करना चाहिए।स्वस्थ बालों के लिए इन्हें हर्बल शैंपू या साबुन से ठीक प्रकार से धोकर सुखना चाहिए। बालों में तेल से मसाज करना चाहिए। बाल में डैंड्रफ और जुआं नहीं होना चाहिए कम से कम हफ्ते में दो बार बाल धोना चाहिए।
मल:-मल त्यागने की प्रतिदिन आदत डालनी चाहिए तथा जान मुझकर उसे रोकना नहीं चाहिए। बच्चों को शुरू से ही इसकी ट्रेनिंग देनी चाहिए। संतुलित डाइट जिसमें पर्याप्त रफेज व पानी हो खाना चाहिए।
संक्षेप में-
हम कह सकते हैं कि
स्वस्थ व लंबी आयु के लिए अच्छी आदतें वरदान हैं। वैसे ही शरीर के विभिन्न अंगों के ठीक व शुचारु रूप से कार्य करने के लिए व्यक्तिगत स्वच्छता का होना जरूरी है।अत: सेहत तथा शिक्षा का जीवन की अवधि बढ़ाने में बहुत योगदान है। ये दोनों साथ-साथ चलते हैं। जब तक शरीर स्वस्थ नहीं है तो शिक्षा में सफलता नहीं मिल सकती।यदि बच्चों को सेहत के निर्देशों के साथ शिक्षा दी जाए तो उन्हें कामयाब जीवन जीने के लिए विधिवत शिक्षा मिलती है। सही कहा गया है कि जीवन में उच्च उद्देश्यों की प्राप्ति का स्रोत स्वस्थ शरीर ही है।अतः घर ,स्कूल तथा क्लास में हम व्यक्तिगत स्वच्छता तथा साफ-सफाई की उपयोगिता को नजर अंदाज नहीं कर सकते। अर्थात यदि हम बच्चे में स्वस्थ रहने की आदतें डालेंगे तो वह समाज को अपना सर्वश्रेष्ठ देगा।