नमस्कार दोस्तो, चीन ने आईफोन बनाने वाली कंपनी ऐपल को एक गहरी सीख दी है। दरअसल ऐपल को एक महंगे प्रोडक्ट के तौर पर देखा जाता है। साथ ही ऐपल अपनी कीमतों में कटौती नहीं करता है। साथ ही ग्राहकों को डिस्काउंट ऑफर नहीं करता है।
लेकिन चीन में ऐपल को अपने आईफोन को बेचने और अपने गिरते मार्केट को बचाने के लिए आईफोन की कीमत में कटौती करनी पड़ी है। साथ ही आईफोन की सेल को बढ़ाने के लिए भारी डिस्काउंट ऑफर दिया जा रहा है।
ड्रैगन ने ऐपल को सिखाया सबक
चीन ने दुनिया की सबसे बड़ी माने जाने वाली टेक कंपनी ऐपल को जोरदार सबक सिखाया है। ऐसा माना जाता था कि ऐपल अपने आईफोन की प्राइसिंग किसी देश की सरकार के दबाव में कम नहीं करती है। हालांकि जब चीन ने ऐपल के मुकाबले में अपनी लोकल स्मार्टफोन कंपनी खड़ी कर दी, जो आईफोन के मुकाबले में शानदार स्मार्टफोन बनाती है।
साथ ही चीन की आम जनता पर लोकल स्मार्टफोन ब्रांड खरीदने को प्रोत्साहित किया, तो ऐपल को जोरदार नुकसान का सामना करना पड़ा। चीन को मालूम था कि उसके पास दुनिया का सबसे बड़ा स्मार्टफोन मार्केट मौजूद है। ऐसे में ऐपल कंपनी पर दबाव पड़ा, तो उसने अपने स्मार्टफोन की कीमत में कटौती भी करनी पड़ी। साथ ही डिस्काउंट ऑफर भी दिया जा रहा है।
iPhone पर मिल रहा तगड़ा डिस्काउंट
न्यूज एजेंसी रॉयटर्स की मानें, तो ऐपल चीन में आईफोन के सेलेक्टेड मॉडल पर 318 डॉलर यानी करीब 26 हजार रुपये तक डिस्काउंट ऑफर कर रहा है। ऐपल चीन में अपने मार्केट को बचाना चाहता है, क्योंकि उसे लोकल चाइनीज स्मार्टफोन हुआवे (Huawei) से जोरदार टक्कर मिल रही है।
चीन में फरवरी iPhone 15 Pro Max के 1 टीबी माॉडल पर करीब 27 हजार रुपये की छूट दी जा रही थी। इसी तरह iPhone 15 मॉडल के 128 जीबी मॉडल पर 16,000 रुपये तक की छूट दी जा रही है। Apple को चीन में Huawei Mate 60 और Huawei Pura 70 की नई सीरीज पेश की थी।
भारत को ड्रैगन से सीखना चाहिए..
ड्रैगन की तरह भारत को भी अपनी घरेलू स्मार्टफोन कंपनियों को बूस्ट देना चाहिए, जिससे मार्केट में कंप्टीशन पैदा हो सकेगा। ऐसे में कोई कंपनी मनमर्जी दाम नहीं वसूल पाएगी। साथ ही कंप्टीशन होने पर कंपनियों को अपने प्रोडक्ट के दाम कम करने को मजबूर होना पड़ेगा। मौजूदा वक्त में भारत की कोई स्मार्टफोन कंपनी नहीं हैं, जो ऐपल या सैमसंग जैसे ब्रांड को टक्कर दे सके।
अगर कोई घरेलू स्मार्टफोन कंपनी होती है, तो बाहरी टेक कंपनियां अपनी मनमर्जी नहीं कर पाएंगी। आपको याद होगा कि केंद्र सरकार ने लैपटॉप और कंप्यूटर के आयात पर बैन लगाया था, जिसके बाद अमेरिकी टेक कंपनियों Dell और ऐपल की तरफ से दबाव पड़ा था। नतीजन आज तक फैसला लागू नहीं हो सका।
स्मार्टफोन जगह में भारतीय कंपनियां की गैरमौजूदगी
भारत के स्मार्टफोन मार्केट में अमेरिकी, साउथ कोरियाई और चाइनीज स्मार्टफोन कंपनियों का दबदबा है। भारत की टॉप स्मार्टफोन ब्रांड वीवो है, जो एक चाइनीज कंपनी है। इसके बाद एक अन्य चाइनीज स्मार्टफोन ब्रांड शाओमी का नंबर आता है। वही तीसरे पायदान पर साउथ कोरियाई कंपनी सैमसंग है, जबकि चौथे पायदान पर चाइनीज स्मार्टफोन ब्रांड रियलमी और पांचवे पर अमेरिकी स्मार्टफोन ब्रांड ऐपल है।