बालों का झड़ना, कारण, उपचार एवं रोकथाम

बालों की समस्या में सबसे गंभीर समस्या बालों के झड़ने की होती है| जिनमे पुराने बाल झड़ने रहते हैं और नए बालों की उत्पत्ति होती रहती है|

प्रतिदिन 50-60 बालों का गिरना सामान्य सी बात है क्योंकि यह प्राकृति की स्वाभाविक क्रिया है|

किंतु यदि बालों के गुच्छे निकलने लगे और बोल हल्के होने लगे तो यह चिंता का विषय बन जाता है|

अधिक बाल झड़ने की तीन अवस्थाएं होती हैं साधारण रूप से बाल झड़ना स्थाई गंजापन व अस्थायी गंजापन।

साधारण रूप से बाल झड़ना :-

साधारण रूप से बाल झड़ने के अनेक कारण हो सकते हैं इस स्थिति में धीरे-धीरे बाल झड़ने शुरू हो जाते हैं|

कुछ ही दिनों में इतने बाल झड़ने लगते हैं कि कंघे में से गुच्छे के गुच्छे आ जाते हैं|

ये समस्या सभी के साथ हो सकता है किंतु महिलाओं के साथ अधिक होती है|

इस प्रकार बाल झड़ने के कुछ प्रमुख कारण निम्नलिखित है|

संक्रमण के कारण :-

कई बार गले दांत और आंखों में हुआ संक्रमण या निमोनिया आदि बालों के झड़ने का कारण बन जाता है|

प्रदूषण के कारण :-

आजकल पर्यावरण में प्रदूषण की मात्रा बहुत है यह बालों को बाहरी एवं आंतरिक हानि पहुंचाता है|

प्रदूषत वातावरण की धूल या मिट्टी वालों पर विषैली परत के रूप में जम जाती है|

जिससे बाल झड़ने लगते हैं मासिक धर्म बंद होने पर मासिक धर्म बंद होने के बाद एस्ट्रोजन की कमी के कारण बाल गिरने लगते हैं|

गर्भावस्था के समय:-

गर्भावस्था के समय बालों को पूरा पोषण ना मिल पाने के कारण बाल गिरने लगते हैं|

ऐसा अधिकांश महिलाओं के साथ होता है|

प्रसव के बाद:-

प्रसव के पश्चात शरीर की प्रक्रिया में बहुत बदलाव आता है यह भी बाल झड़ने का एक कारण है|

शिशु को स्तनपान कराने के कारण:-

शिशु को स्तनपान कराने के दिनों में भी बाल झड़ने लगते हैं ऐसा बालों को पूर्ण पोषण ना मिल पाने के कारण होता है|

दवाइयों की प्रक्रिया स्वरूप:-

किन्हीं कारणों से ली गई दवाई शरीर में जाकर अपनी प्रतिक्रिया करती है कुछ दवाइयां के प्रभाव के कारण बाल झड़ने लगते हैं|

तेज ज्वर होने के कारण:-

ज्वर कई प्रकार के होते हैं. सामान्य जवर आता है और उतर जाता है|

किंतु कुछ ज्वार जैसे टाइफाइड फ्लू मलेरिया आदि दीर्घकालिक प्रभाव छोड़ जाते हैं|

इन जड़ों का जितना असर शरीर पर पड़ता है लगभग उतना ही बालों पर भी पड़ता है|

बाल झड़ने गिरने लगते हैं कई बार तो रोगी के बाल इस हद तक गिर जाते हैं|

कि वह गंजा भी हो जाता है कई बार सस्ते होने के कारण लोग घटिया साबुन शैंपू तेल आदि इस्तेमाल करते हैं|

इनका सीधा असर बालों पर पड़ता है और बाल अचानक ही झड़ने लगते हैं ऐसा होने पर तुरंत कारण जानना चाहिए|

करण निश्चित होने पर यदि उचित उपचार लिया जाए तो निश्चित ही बाल झड़ना बंद हो जाते हैं|

कई बार घटिया किस्म के समान का प्रयोग बंद कर देने पर स्थिति सामान्य होने लगती है|

तो बोल स्वत: ही गिरना बंद हो जाते हैं किंतु उपचार के पश्चात भी बालों को धोने के लिए हमेशा अच्छे शैंपू का प्रयोग करना चाहिए|

बालों को धोने के लिए अधिक गर्म जल का प्रयोग नहीं करना चाहिए अधिक गर्म जल बालों के लिए हितकर नहीं होता|

अस्थायी गंजापन:-

अस्थायी गंजापन को डॉक्टरी भाषा में एलोपेसिया कहते हैं|

महिलाओं में आजकल यह रोग बढ़ता जा रहा है सिर में इसका प्रारम्भ गंजेपन की छोटी-छोटी चिप्पडौ से होता है शुरुआत में तो यह चिप्पड़े छोटी होती हैं|

किंतु शीघ्र ही यह बढ़कर बड़ी हो जाती है ऐसी स्थिति में इन चिप्पडौ को तुरंत उपचार किया जाना चाहिए|

अन्यथा सर पर एक साथ अनेक चिप्पणियांं बन जाती हैं|

यदि उचित उपचार तुरंत करवा लिया जाए तो चार से छ: माह के बीच गंज वाले स्थान पर फिर से धीरे-धीरे बाल निकलने लगते हैं अस्थायी गंजापन कोई चर्म अथवा छूत का रोग नहीं है|

1. यह रोग किन्हीं कारणों से उत्पन्न होता है यह कारण है
2.शरीर में रक्त अथवा पोषक तत्वों का अभाव
3.लगातार मानसिक तनाव की स्थिति में रहना
4.मस्तिष्क के नाड़ी संस्थान का कमजोर होना|


उपरोक्त सभी कारणों का एक ही आशय है कि अस्थायी गंजेपन का मुख्य कारण मानसिक तनाव होता है|

अतः सबसे पहले ऐसा वातावरण उत्पन्न करना चाहिए|

जो मानसिक तनाव से रहित हो नाड़ी संस्थान के कमजोर होने पर कुशल चिकित्सक से सलाह लेनी चाहिए|

सर की त्वचा जहां-जहां गंजेपन से प्रभावित हो उसे स्थान पर. टिंचर आयोडीन आदि से मालिश करनी चाहिए|

इससे उसे स्थान पर रक्त का संचार तेज होता है|

शुष्क बर्फ उस स्थान पर भी रक्त का संचार ठीक हो रहता है इस प्रकार के उपचार अपनाकर अस्थायी गंजेपन से राहत पाई जा सकती है|

स्थाई गंजापन:-

इस रोग में अपने आप ही बाल बहुत तेजी से गिरने लगते हैं यदि समय (time) रहते इसका उपचार न किया जाए तो स्थाई गंज हो जाता है|

स्थायी गंज के मुख्य कारण निम्न है:-

1.अधिक मानसिक कार्य|

2.लंबे समय (long time) तक सर की त्वचा पर एक्स-रे की किरणों का दुष्प्रभाव|

3.अनुवांशिक गंजापन

4.सोते समय बालों को कसकर बांधे रखना|

5.खोपड़ी पर गहरी चोट लग जाना या जल जाना|

6. गर्म वातावरण में रहना या काम करना. जब बालों की जड़े कमजोर होने लगती हैं|

और कोषों की बाल उत्पन्न करने की क्षमता समाप्त होने लगती है|

तब सिर्फ में स्थायी गंजेपन की समस्या उत्पन्न होती है यह स्थिति आरंभ होते ही किसी चिकित्सा से अवश्य परामर्श करना चाहिए|

बालों का सौंदर्य बनाए रखने के लिए सबसे पहले यह जानना जरूरी है|

कि अपके बाल किस प्रकार के हैं बालों की प्रकृति देखकर आप अपने बालों की सही प्रकार से देखभाल कर सकते हैं|

थायराइड की प्राकृतिक चिकित्सा थायराइड वह अंत स्त्रावी ग्रंथि है जो शरीर के दैनिक कार्यकलाप को नियंत्रित करती है

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