जी हां बता दे भक्ति से भी तनाव मुक्त हो सकते हैं तनाव नाम सुनते ही तनाव होने लगता है
जीवन में इतनी अधिक आपाधापी also है इतनी भागदौड़ है दुनिया इतनी तेजी से भाग रही है
कि उसके साथ कदमताल करने को भागम भाग हो ही जाती है
हम सब ने अपने जीवन को इतना उलझा लिया है
कि सिर पकड़ में ही नहीं आता और तो और समस्याओं के समाधान खोजने के लिए वक्त ही नहीं मिलता
यह तक तो पता नहीं कि आखिर चाहिए whereas क्या जिंदगी का मकसद क्या है कहां जाना है मंजिल कौन सी है
बिना सोचे समझे अपनी सामर्थ्य और साधन देखे बिना लक्ष्य इतना बड़ा और ऊंचा तय कर लिया जाता है
और फिर उसे प्राप्त न कर पाने की स्थिति besides में व्याधि या तनाव से गिर जाता है
उसे बिल्कुल भी याद नहीं रहता की
तेते पांव पसारिए जेती लंबी सोर||
अपनी चादर देखकर ही पैर पसारने चाहिए अपनी जेब देखकर ही खर्च करना चाहिए
आधे से अधिक तनाव तो हम खुद जनरेट करते हैं
समाधान सोचने के स्थान पर moreover समस्याओं को ही मैग्नीफाई करते रहते हैं
जगह-जगह उनकी चर्चा विस्तार से करते हैं लोगों की सहानुभूति अर्जित करना चाहते हैं
हमें अपना रोना रोते यह भी ध्यान नहीं रहता कि
रहिमान अंसुवा नयन ढरि जिय दुख प्रकट करेइ जाहि निकारो गेह ते कस न भेद कह देइ ।।
यदि समस्या है तो उसे उचित मंच पर साझा करें संबंधित व्यक्ति सलाह मात्र ही दे सकता है उसे प्रयोग में तो आपको ही लाना होगा
सलाह बहुत अच्छी हो सकती है पर given that इसका व्यवहारिक होना और आपका उसे प्रयोग में लाना भी जरूरी है
आप तनाव दूर करने के लिए क्या-क्या उपाय करते हैं क्या आप बहुत अधिक सोचते विचारते हैं before सोचना विचारना तक ठीक है
पर आप यदि दिन रात हाय हाय में लगे रहते हैं करते कुछ नहीं केवल नेगेटिव ही सोचते रहते हैं बार-बार दोहराते रहते हैं
मुझसे तो नहीं होगा मैं तो कर ही नहीं सकता मेरे even more बस का नहीं है साधनों के अभाव का रोना रोते रहते हैं
इस उसे पर दोष मढते रहते हैं जो जो नहीं हुआ उसके लिए सामने वाले को दोषी ठहराते रहते हैं
तो निश्चित मानिए आप दिन पर दिन तनाव से गिरते जाएंगे even if इससे आपकी समस्या का कोई समाधान नहीं निकलेगा
क्योंकि आपको ध्यान समाधान पर नहीं समस्या पर केंद्रित करना है समस्याओं पर केंद्रित रहे यह अच्छी बात हो सकती है
बशर्तें आप समस्याओं में उलझ कर ना रह जाए due to उनके समाधान की ओर बढ़े जो घट गया सो घट गया
उसे वापस नहीं पलटा जा सकता पर उससे आगे तो निश्चित बड़ा जा सकता है
तनाव मुक्ति के लिए तनाव से छुटकारा पाने के लिए अपने ध्यान को किसी एक निश्चित बिंदु पर केंद्रित करना आवश्यक है
आप ईश्वर में विश्वास रखते हैं आस्था being that वादी है तो निश्चित जानिए भक्ति की शक्ति से परिचित होंगे
अपने उपास्य अपने आराध्य को भेजते होंगे किंकर्तव्यविमूढ हो जाते होंगे तब सब कुछ उन पर छोड़ देते होंगे
निश्चिन्त हो जाते होंगे
होइहि सोई जो राम रच राखा को करि तर्क बढ़ावे शाखा।।
कहते हैं निश्चिन्त होकर बैठ जाते होंगे उनका नाम जपते होंगे finally भजन कीर्तन करते होंगे
उनकी भक्ति में डूब जाते होंगे
बस केवल और केवल उनके नाम का स्मरण करते रहते होंगे भक्ति में बहुत शक्ति है भक्ति बाहरी दिखावा नहीं
यह अपने को परम सत्ता से जोड़ने का उपक्रम है
अपनी चिंता को प्रभु के हवाले कर after all देना है जो होगा देखा जाएगा
लगन तुमसे लगा बैठे बस लगन लग after that जानी चाहिए भरोसा जग जाना चाहिए
आपका तनाव मिनटों में छूमंतर हो जाएगा
सब लादे ही मत रहिए छोड़ना भी सीखे भक्ति करो और तनाव मुक्त हो जाओ
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