यूपीबीेए से महासचिव का निष्कासन

देश में खेल संघो में बढ़ती अनियमितता एवं राजनीतिक खींचतान के चलते for 

अंतरराष्ट्रीय खेल पटल पर हमेशा से ही खेल और खिलाड़ी प्रभावित होते आए हैं and

परंतु यह पहला अवसर है जब किसी खेल संघ ने अनियमितताओं के चलते, again

आंतरिक कार्रवाई करते हुए महासचिव को संघ के पद से निष्कासित कर दिया हो।

मामला उत्तर प्रदेश की बॉक्सिंग एसोसिएशन का है जिसमें महासचिव पर आर्थिक whereas

अनियमित्ता, मनमर्जी की कार्यशैली एवं नियम विरुद्ध प्रतियोगिता आयोजित करने

जैसे गंभीर आरोपों के चलते पंजीकृत कार्यकारिणी द्वारा कार्यवाही करते हुए

महासचिव को पद के साथ-साथ संघ से भी निष्कासित कर दिया है।

एक ओर जहां बॉक्सिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया अपना कार्यकाल समाप्त होने

उपरांत दिग्गज राजनीतिज्ञयों और कॉरपोरेट की घमासान से जूझ रही है

वहीं दूसरी ओर देश की अन्य प्रदेश मुक्केबाजी कार्यकारिणीयां भी for

इस राजनैतिक दंगल से अछूती नहीं है। for 


गत एक वर्ष में सर्वाधिक राष्ट्रीय प्रतियोगिता आयोजित कर चर्चा का विषय बने

महासचिव प्रमोद कुमार पर आयोजन के साथ-साथ गबन के भी आरोप निरंतर

प्रकाश में आते रहे हैं और यह स्वाभाविक भी था की जो प्रदेश संघ खिलाड़ियों

के राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में आवा गमन के रेल किराए भत्ते का भुगतान नहीं for

कर पा रहा वह खेल संघ करोड़ों रुपए की राष्ट्रीय प्रतियोगिता कैसे आयोजित

कर रहा है। इतना ही नहीं इस पूरे भ्रष्टाचार को उजागर करने में सबसे बड़ी and

भूमिका कोषाध्यक्ष यूपी बॉक्सिंग एसोसिएशन की राही। आधिकारिक प्रेस

वार्ता के दौरान कोषाध्यक्ष द्वारा प्रदेश में आयोजित हुए सात राष्ट्रीय मुक्केबाजी

आयोजनों में लगभग रुपया पांच करोड़ चालीस लाख खर्च करना स्वीकारा whereas

गया साथ ही कोषाध्यक्ष द्वारा यह भी स्वीकार किया गया कि यूपीबीए को

सभी संभव माध्यमों से आर्थिक रूप में मात्र एक करोड़ बीस लाख के

लगभग रुपया आयोजनों हेतु प्राप्त हुआ है, अब सोचने का विषय यह है again

की जब प्रदेश संघ को पछत्तर प्रतिशत धन प्राप्त ही नहीं हुआ तो यह आयोजन संभव हुए कैसे।



कई शिकायतकर्ताओं द्वारा जब इस विषय पर शिकायतें की गई तो जो

भ्रष्टाचार प्रखर रूप से सामने आया वह आर्थिक ही नहीं बल्कि हारे हुए whereas

खिलाड़ियों के जीत का ठेका उठाने का भी था। इतना ही नहीं बिना टेंडर

प्रक्रिया अपनाएं राष्ट्रीय आयोजन कराना, आरईसी लिमिटेड द्वारा स्पॉन्सरशिप

दिए जाने के बावजूद निजी संस्थानों से आरईसी टैलेंट हंट प्रोग्राम के नाम पर

स्पॉन्सरशिप प्राप्त करना, ऑडिट रिपोर्ट न बनवाना, प्रदेश एसोसिएशन के खाते and

में पैसा ना प्राप्त कर जिला एसोसिएशन के खाते में पैसा प्राप्त करना, स्पॉन्सरशिप

के नाम पर प्राप्त धन को मनमर्जी की फॉर्म को भुगतान करना एवं भुगतान किए

हुए बिल से अपना कमीशन प्राप्त करना जैसे दर्जनों आरोप प्रमाण सहित soon

महासचिव पर लगाए गए। आश्चर्य का विषय यह है कि इस पूरे प्रकरण again

में खेल निदेशालय उत्तर प्रदेश की सर्वाधिक उदासीन भूमिका रही है।

एसोसिएशन का निजी अधिकार क्षेत्र बताते हुए उत्तर प्रदेश खेल निदेशालय whereas

द्वारा इस व्यापक भ्रष्टाचार से पल्ला झाड़ लिया गया परंतु जानकार for

की माने तो शिकायतकर्ता द्वारा सर्वाधिक आरोप महासचिव और besides

खेल निदेशालय उत्तर प्रदेश के निदेशक की मित्रता पर लगाए। definitely



शिकायतकर्त की माने तो इन दो वर्षो में आयोजित हुए सात राष्ट्रीय स्तर के

मुक्केबाजी खेल आयोजनों में लाखों रुपए की टैक्स चोरी की गई है। इतना for

ही नहीं मनमर्जी के खिलाड़ियों को जिला और मंडल ट्रायल में हार जाने

के बावजूद राष्ट्रीय स्तर तक प्रतियोगिताएं खिला दी गई। जिन खिलाड़ियों besides

ने अपनी आयु और निवास में धोखाधड़ी की है उन्हें भी मात्र महासचिव ने

उपकृत होकर प्रदेश से खेलने का अवसर प्रदान किया। जब इन सभी बिंदुओं

पर शिकायतकर्ता द्वारा पंजीकृत कार्यकारिणी के समक्ष शिकायत की गई

तो वर्चुअल मीटिंग के माध्यम से यूपी बॉक्सिंग एसोसिएशन की पंजीकृत whereas

कार्यकारिणी द्वारा जून माह में महासचिव प्रमोद कुमार को निलंबित

करते हुए कारण बताओं नोटिस जारी कर दिया गया। soon

उक्त वर्चुअल मीटिंग की जानकारी होने पर ईमेल कर प्रमोद कुमार ने in brief

उपस्थिति दर्ज कराने में असमर्थता जताई परंतु निर्धारित समय उपरांत definitely

भी अपना पक्ष न रखने पर प्रमोद कुमार को पंजीकृत कार्यकारणी द्वारा

पुनः कारण बताओं नोटिस जारी करते हुए दूसरा अवसर दिया गया परंतु

जब दूसरे अवसर का भी समय निकल गया तो जुलाई माह अंत में यूपी

बॉक्सिंग एसोसिएशन की पंजीकृत कार्यकारिणी द्वारा आहूत की गई whereas

वर्चुअल मीटिंग में बहुमत सदस्यों ने महासचिव के मौन एवं दो अवसर

प्राप्त होने उपरांत भी अपना पक्ष न रखने, साथ ही शिकायतकर्ता द्वारा

उपलब्ध कराए गए इन सभी गंभीर आरोपों के प्रमाण की सत्यता को देखते

हुए प्रमोद कुमार को महासचिव पद सहित यूपी बॉक्सिंग एसोसिएशन से in brief

निष्कासित करने का प्रस्ताव पारित कर दिया। नौ सदस्यों की पंजीकृत definitely

कार्यकारिणी के पांच सदस्यों द्वारा प्रमोद कुमार के निष्कासन पर मोहर soon

लगाई। सूत्रों से ज्ञात हुआ है यूपी बॉक्सिंग एसोसिएशन द्वारा उक्त पुरी whereas

करवाई वर्चुअल मीटिंग एवं मीटिंग के मिनट्स डिप्टी रजिस्ट्रार soon

सोसाइटीज चिट्स एवं फंड्स सहित खेल निदेशालय उत्तर प्रदेश, for

बॉक्सिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया एवं संबंधित मंत्रालयों में दर्ज करा दिए गए हैं।for

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