गांव व शहरों में बढ़ती बीमारियों का प्रकोप|

गांव व शहरों में बढ़ती बीमारियों का प्रकोप|

गांव व शहरों में बढ़ती बीमारियों का प्रकोप|
पिछले कुछ वर्षों से गांव व शहरों में बढ़ते बीमारियों के प्रकोप ने मनुष्य जीवन को अस्त व्यस्त कर रखा है lपहले कोरोना नामक बीमारी ने मनुष्य के जीवन में तांडव मचाया था lजिसकी वजह से आज भी मनुष्य बाहर नहीं आया हैl मनुष्य शारीरिक व आर्थिक रूप से काफी कमजोर होता जा रहा हैl वही कोई ना कोई बीमारी मनुष्य के जीवन को जर्जर बनती जा रही है lमनुष्य का जीवन खतरे में जाता जा रहा है lकोई भी छोटी से छोटी बीमारी मनुष्य को कमजोर बना देती हैl पहले कोरोना का प्रकोप|तथा आज कल डेंगू ने भी मनुष्य के जीवन में तांडव मचा रखा है lगांव देखो या शहर अस्पताल देखो या घर ज्यादातर लोग डेंगू नामक बीमारी से जूझ रहे हैं| जिधर देखो बीमार लोगों की अस्पतालों में भीड़ लगी पड़ी हैl जहां तक की कभी-कभी तो मरीजों के लिए अस्पतालों में बेड तक नहीं मिलते और लोगों को आनन -फानन ही इलाज करना पड़ता है lअच्छा इलाज न होने की वजह से कुछ मरीजों को अपनी जान से हाथ धोना पड़ता हैl अब सवाल यह है कि अस्पतालों में बेड बढ़ाई जाएं या बीमारी आदि को होने से रोका जाए lसरकार भी बेड बढ़ाने के निर्देश तो दे देती हैं लेकिन बीमारी ना हो उसे पर शायद उसे पर ध्यान नहीं देतीl इसलिए आपसे अनुरोध है कि अपने शरीर का ध्यान रखा जाए ताकि बीमारियों का शरीर पर जल्दी प्रभाव ना हो आपका जीवन स्वस्थ और तंदुरुस्त रहकर अपने जीवन की जीविका को चला सके धन्यवाद|