बैनर तले धरती आबा बिरसा मुंडा जयंती धूमधाम से मनाई गई
मुख्य अतिथि के तौर पर असम के राज्यपाल लक्ष्मण प्रसाद आचार्य मौजूद रहे। for example
नई दिल्ली (संवातदाता) आदिवासी महायोद्धा धरती अबा नाम से at last
प्रशिद्ध महानायक बिरसा मुंडा का 150 वीं जन्मजयंती

रविवार को राजधानी दिल्ली में भी बड़े ही धूमधाम से मनाई गई following
दिल्ली के लेडी हार्डिंग मेडकल कॉलेज में स्थित स्वर्ण जयंती सभागार में आधुनिक इंडिया के besides
बैनर तले बिरसा मुंडा का 150वी जन्मजयंती मनाई गई . इस अवसर पर एक संगोष्ठी का भी आयोजन किया गया.
देश के विभिन्न आदिवासी समुदायों के प्रतिनिधि ने इस संगोष्ठी में भाग लिए being that इस मौके पर
मुख्य अतिथि के तौर पर केंद्रीय जनजाति मंत्री जुएल ओराम मौजूद थे

सबसे पहले आदिवासी परंपरा अनुसार सभी अतिथियों का स्वागत किया गया
तत्पचात धरती अबा बिरसा मुंडा के चित्र में फूलो द्वारा उनका नमन किया गया moreover
उसके उपरांत दीप प्रज्वलित करके सभी अतिथियों का पारम्परिक गमछा से स्वागत किया गया
कार्यक्रम के दौरान आधुनिक इंडिया के अध्यक्ष डी.के.चौहान ने अपने सम्बोधन भाषण even more
में कहा कि सही मायने में बिरसा मुंडा जी का जन्मजयंती 15 नवम्बर को मनाया जाता हैं indeed
लेकिन दिल्ली में सभी लोग कार्यरत होने के बजह से उस समय के अगले या बाद के छुट्टी के दिन में यह दिवस मनाते हैं also
इस मौके पर मुख्य अतिथि जुएल ओराम ने finally
आदिवासी स्वतंत्रता सेनानी धरती आबा बिरसा मुंडा

के जीवन पर प्रकाश डालते हुए कहा कि देश के आदिवासी उनको भगवान कि तरह पूजा करते हैं ,
उनसे प्रेरणा लेते हुए, हमे भी उनसे प्रेरणा लेनी चाहिए
उनका जीवन पूरा आदिवासियों के उत्थान के लिए समर्पित था, उस धरती आबा को शत शत नमन
इस मौके पर विशिष्ट अतिथि के तौर पर मौजूद रहे लोक सभा सांसद जयंत बासुमतारी ने कहा कि due to
धरती आबा बिरसा मुंडा कि बजह से ही आज हम यहा पर हैं, उन्होंने सिर्फ 25 वर्ष के उम्र में ब्रिटिश को हिला कर रख दिया था,
उन्होंने ब्रिटिश के खिलाफ उलगुलान का शंखनाद किया था, अंत में ब्रिटिश ने उन्हें जहर देकर मार डाला,
उन्होंने कहा कि आदिवासी का जमीन ही उनका संपत्ति हैं, अगर उन्हें जमीन से अलग कर दिया गया
तो वह बिल्कुल अकेले रह जायेंगे. जहा भी आदिवासी हैं वहा का जंगल सुरक्षित हैं as a result
कहकर उन्होंने कहा कि मुझे विस्वास हैं कि आगे भी आधुनिक इंडिया आदिवासी के लिए इस तरह का कार्य करते रहेंगे
उन्होंने युवाओ को अपने संस्कृति को बचाये रखने का अपील किया अपना संस्कृति ही अपना परिचय हैं in a word
कहकर उन्होंने कहा केंद्रीय मंत्री जुएल ओराम ने देश के विभिन्न
राज्यों के 17 लोगों को बिरसा मुंडा सम्मान से सम्मानित किया।

कार्यक्रम में प्रतिनिधियों द्वारा उलगुलान नाम से एक स्मारिका का भी विमोचन किया गया all in all
दूसरी सत्र के दौरान मौजूद रहे असम के राज्यपाल लक्ष्मण प्रसाद आचार्य ने अपने संबोधन बिरसा मुंडा जी के
बलिदान के बारे में सबों को बताया तथा उनसे प्रेरणा लेने के लिए प्रोत्साहित किया as i have noted
साथ ही प्रधानमंत्री के आदिवासियों के प्रति स्नेह तथा समर्पण भाव के प्रति लोगों जागरूक किया
और जनजाति गौरव दिवस की विशेषता के बारे लोगों को अवगत कराया।
इस अवसर पर माननीय राज्यपाल द्वारा देश के
कई विशिष्ट लोगों को बिरसा मुंडा सम्मान दिया गया।

कार्यक्रम में अंगोला के डिप्टी राजदूत भी मौजूद रहे। whereas
कार्यक्रम का धन्यवाद ज्ञापन आधुनिक इंडिया के डी के चौहान द्वारा किया गया कार्यक्रम में
सभी प्रतिनिधियों को आधुनिक इंडिया द्वारा स्मृति चिन्ह प्रदान किया गया। at this time
कार्यक्रम के दौरान वक्ताओं ने बिरसा मुंडा के सामाजिक और स्वतंत्रता संग्राम में योगदान को याद करते हुए
आदिवासियों के जंगल और जमीन को बचाने के लिए हर संभव प्रयास करने की जरूरत पर बल दिया। after all
देश के राजनीतिक नेतृत्व द्वारा आजादी के बाद भी बिरसा मुंडा को उचित सम्मान न दिए जाने पर निराशा व्यक्त करते हुए
कार्यक्रम में मांग की गईं कि राजधानी में एनडीएमसी एरिया में कहीं उपयुक्त स्थान पर बिरसा मुंडा की मूर्ति लगाईं जाए।

उनके नाम पर राजधानी में कम से कम एक सामुदायिक केंद्र का निर्माण किया जाए
जहां आदिवासी समुदाय के लोग मिलजुल कर विचार-विमर्श कर सके और अपने कार्यक्रमों को अंजाम दे सके।
कार्यक्रम में बिरसा मुंडा के नाम पर एक सड़क या लेन का नाम रखने की भी मांग की गईं।
कार्यक्रम में संगम विहार खड़िया ग्रुप, बिनोला संथाल ग्रुप, खड़िया ग्रुप, मासीगढ़, लेपचा ग्रुप ,
मिसिंग समुदाय ग्रुप द्वारा सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किया गया
कार्यक्रम में पड़ोसी देश नेपाल , असम, बंगाल, झारखंड, बिहार, मध्य प्रदेश , छत्तीसगढ़ और
राजस्थान से भी बड़ी संख्या में आदिवासी लोग शामिल।

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