रश्मि अग्रवाल ने मानसिक स्वास्थ्य और हीलिंग के उद्देश्य से म्यूजिक वेरंडा और सर्च ईयर्स द्वारा आयोजित विशेष कार्यक्रम में प्रस्तुत की ग़ज़लें
गुरुग्राम, 16 फरवरी 2025 – म्यूजिक वेरंडा फाउंडेशन और सर्च ईयर्स ने मिलकर शाम-ए-जगजीत नामक एक संगीतमय संध्या का आयोजन किया,
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जिसका उद्देश्य संगीत और कला के माध्यम से मानसिक स्वास्थ्य और हीलिंग को बढ़ावा देना था।
यह विशेष कार्यक्रम कलास्थली एम्फीथिएटर, पालम विहार में आयोजित किया गया,
जिसमें महान ग़ज़ल गायक जगजीत सिंह जी के जन्मदिन माह को समर्पित करते हुए संगीत के माध्यम से
तनाव को कम करने और भावनात्मक कल्याण को प्रोत्साहित करने पर जोर दिया गया।
इस संध्या में प्रख्यात भारतीय शास्त्रीय गायिका रश्मि अग्रवाल ने अपने मधुर स्वरों से जगजीत सिंह जी की अमर ग़ज़लों को जीवंत कर दिया।
रश्मि अग्रवाल एक सम्मानित कलाकार हैं, जिन्हें समरकंद में आयोजित
अंतर्राष्ट्रीय वर्ल्ड म्यूजिक फेस्टिवल में ग्रैंड प्रिक्स अवॉर्ड से सम्मानित किया जा चुका है।
कार्यक्रम की शुरुआत उभरते कलाकार राजीव रुद्र और राजीव खन्ना के भावनात्मक प्रस्तुतियों से हुई,
जिसने शाम के संगीतमय माहौल को स्थापित किया। इसके बाद दीप प्रज्वलन समारोह संपन्न हुआ,
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जिसमें अनीला रामपुरिया (संस्थापक, म्यूजिक वेरंडा फाउंडेशन), बेला शेलत (संस्थापक, सर्च ईयर्स),
मनीषा प्रियिलाया (ब्रांड कंसल्टेंट), श्री प्रदीप कुमार पदम, श्री अपूर्वा (शाम स्वीट्स), और हिमांशु सिंह (म्यूजिक वेरंडा) ने भाग लिया।
रश्मि अग्रवाल की प्रस्तुति ने श्रोताओं को एक अनोखी संगीतमय यात्रा पर ले गई ।
उन्हें आशिक कुमार (हारमोनियम), शांति भूषण झा (तबला), रतन प्रसन्ना (गिटार)
और राम (परकशन) जैसे प्रतिभाशाली संगीतकारों का साथ मिला। उनकी प्रस्तुति “तुम इतना क्यों मुस्कुरा रहे हो”
ने दर्शकों को गहराई से प्रभावित किया, जिससे वे जीवन की तेज़ रफ्तार और अप्राकृतिक परिस्थितियों पर चिंतन करने लगे।
जैसे-जैसे कार्यक्रम आगे बढ़ा, श्रोतागण जगजीत सिंह जी की कालजयी ग़ज़लों में डूबते चले गए।
अंततः सूफी प्रस्तुतियों ने पूरे माहौल को जीवंत कर दिया, जिससे दर्शक झूमने पर मजबूर हो गए।
इस अवसर पर बेला शेलत ने कलास्थली एम्फीथिएटर के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि यह स्थान कला,
थिएटर और संगीत को बढ़ावा देने के लिए समर्पित है, जिससे मानसिक स्वास्थ्य को बेहतर बनाने के लिए
एक स्थायी पारिस्थितिकी तंत्र विकसित किया जा सकता है। श्री प्रदीप कुमार पदम ने कला, संगीत और स्वच्छ,
हरित पर्यावरण की भूमिका को रेखांकित करते हुए कहा कि यह पालम विहार समुदाय में खुशी और समरसता लाने में सहायक है।
कार्यक्रम के अंत में बेला और आशुतोष शेलत ने सर्च ईयर्स की 2006 से अब तक की यात्रा साझा की और
बताया कि वे युवा कलाकारों के लिए एक मंच प्रदान करने के साथ-साथ एक सहयोगी कला और प्रदर्शन कला
पारिस्थितिकी तंत्र विकसित करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। उन्होंने इस तरह के सार्थक प्रयासों को बनाए रखने के लिए समुदाय से
सहयोग की अपील की। अनीला रामपुरिया, संस्थापक म्यूजिक वेरंडा, ने इस सामाजिक पहल के समर्थन में
अपने बहुमूल्य योगदान के लिए रश्मि अग्रवाल के प्रति आभार व्यक्त किया। कार्यक्रम की संचालिका आरती सिंह ने
भी रश्मि अग्रवाल की हाल ही में भारत सरकार द्वारा आयोजित महाकुंभ में प्रस्तुतियों को उजागर किया।
इस आयोजन में प्रमुख अतिथि सचिन खंडेलवाल (पूर्व-बैंकर), डॉ. तनवीर नावेद (डीन, मेडिकल एंड हेल्थ
एप्लाइड साइंसेस एमिटी यूनिवर्सिटी नोएडा ), असीम मेहरा (संस्थापक, अपॉर्च्युनिटी इन इंडिया) और
सेवानिवृत्त सशस्त्र बलों के अधिकारी व उनके परिवार जन उपस्थित रहे। कार्यक्रम को सफल बनाने में
बिरा फाउंडेशन (जो पशु कल्याण के लिए कार्यरत है),
लुक्स सैलून _ लव यौर लुक्स _ ग्लोबल फॉयर, पालम विहार, गुड़गांव
वुड स्टाइल (जो पर्यावरण संरक्षण हेतु सतत लकड़ी संरचनाओं को बढ़ावा देता है) और शाम स्वीट्स (जिन्होंने चाय और जलपान की व्यवस्था की) जैसे सहयोगी भागीदारों का विशेष योगदान रहा।
इस पहल ने एक बार फिर यह सिद्ध किया कि संगीत में जुड़ाव, उपचार और भावनात्मक कल्याण को सशक्त बनाने की शक्ति है।
आयोजकों ने भविष्य में भी इस तरह के कार्यक्रम आयोजित करने के प्रति अपनी प्रतिबद्धता दोहराई, ताकि सामुदायिक सहभागिता, स्थिरता और एक अधिक खुशहाल, जुड़े हुए समाज का निर्माण