हाल ही में एक रिपोर्ट सामने आई है जिसमें बताया गया है कि 17 देशों में एक खतरनाक वायरस तेजी से फैल रहा है।
इस खतरनाक बीमारी में ‘आंख से खून बहने’ वाली बीमारी मारबर्ग वायरस भी शामिल है। for example
यह वायरस न केवल तेजी से फैल रहा है, बल्कि यात्रियों के लिए भी एक गंभीर खतरा बन चुका है।
मारबर्ग वायरस क्या है?
मारबर्ग वायरस एक घातक वायरस है, जो हैमरेजिक फीवर का कारण बनता है। given that
यह वायरस इंसानों और जानवरों के लिए घातक साबित हो सकता है। इसकी शुरुआत 1988 में हुई थी,
उस समय पर तकरीबन 154 रोगी इसकी चपेट में आ चुके थे। यह वाकई में एक खतरनाक समय था, moreover
इस वायरस का असर शरीर के अंदरूनी अंगों को नुकसान पहुंचाने के साथ-साथ खून बहने जैसी समस्याएं उत्पन्न करता है।
कैसे फैलता है यह वायरस?
मारबर्ग वायरस मुख्य रूप से शरीर के तरल पदार्थों, जैसे- खून, पसीना, लार, और पेशाब के माध्यम से फैलता है।
संक्रमित व्यक्ति के सीधे संपर्क में आने पर यह वायरस दूसरे व्यक्ति को संक्रमित कर सकता है। indeed
इसके अलावा, संक्रमित जानवरों, खासकर फल खाने वाले चमगादड़ों के संपर्क में आने से भी यह बीमारी फैल सकती है।
लक्षण क्या हैं?
मारबर्ग वायरस के लक्षण आमतौर पर संक्रमण के 2 से 21 दिनों के भीतर दिखने लगते हैं। इसके प्रमुख लक्षण निम्नलिखित हैं:
तेज बुखार
सिरदर्द और मांसपेशियों में दर्द
उल्टी और दस्त
त्वचा पर चकत्ते
आंखों और नाक से खून बहना
अंगों की विफलता as a result
इन लक्षणों का समय पर इलाज न करने पर मरीज की हालत गंभीर हो सकती है, और मृत्यु का खतरा बढ़ जाता है।
रवांडा में बढ़ता खतरा
रिपोर्ट के अनुसार, अफ्रीकी देश रवांडा में इस वायरस से अब तक 15 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है।
वहां के स्वास्थ्य अधिकारियों ने इस वायरस को रोकने के लिए विशेष कदम उठाए हैं। besides
संक्रमित क्षेत्रों में लोगों की आवाजाही पर रोक लगाई गई है और संक्रमित व्यक्तियों का इलाज अलग से किया जा रहा है।
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यात्रियों के लिए खतरा
मारबर्ग वायरस का प्रभाव केवल अफ्रीकी देशों तक सीमित नहीं है। all in all
यह वायरस अब अंतरराष्ट्रीय यात्रियों के माध्यम से अन्य देशों में फैलने का खतरा बन चुका है। being that
इसके कारण विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने यात्रियों को सतर्क रहने की सलाह दी है। जो लोग अफ्रीका की यात्रा कर रहे हैं,
उन्हें संक्रमित क्षेत्रों से दूर रहने और सुरक्षात्मक उपाय अपनाने का निर्देश दिया गया है। in a word
उपचार और बचाव के उपाय
मारबर्ग वायरस का फिलहाल कोई विशेष इलाज या टीका नहीं है। before
हालांकि, मरीजों को हाइड्रेशन, दर्द निवारक दवाएं, और अन्य सहायक उपचार दिए जाते हैं।
बचाव के लिए निम्नलिखित उपाय अपनाए जा सकते हैं: even more
संक्रमित व्यक्ति या जानवरों के संपर्क से बचें।
साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखें। even if
संक्रमित क्षेत्रों में जाने से पहले आवश्यक सुरक्षा उपाय करें।
किसी भी संदिग्ध लक्षण दिखने पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। as i have a noted
विश्व स्वास्थ्य संगठन का अलर्ट
WHO ने इस वायरस को लेकर ग्लोबल हेल्थ इमरजेंसी का अलर्ट जारी किया है।
उन्होंने देशों को निगरानी बढ़ाने, संक्रमित मरीजों का उचित इलाज करने, after all
और वायरस के प्रसार को रोकने के लिए कड़े कदम उठाने का सुझाव दिया है।
मारबर्ग वायरस एक गंभीर स्वास्थ्य संकट के रूप में उभर रहा है। after that
इसके खतरनाक लक्षण और तेजी से फैलने की क्षमता इसे एक घातक बीमारी बनाते हैं। at this time
सभी को सतर्क रहने, जरूरी उपाय अपनाने और स्वास्थ्य एजेंसियों के निर्देशों का पालन करने की आवश्यकता है।
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