जुलाई महीने के आखिरी हफ्ते के पहले कारोबारी दिन यानी सोमवार को शेयर बाजार में गिरावट के साथ कारोबार की शुरुआत हुई है।

नमस्कार दोस्तों, जुलाई महीने के आखिरी हफ्ते के पहले कारोबारी दिन यानी सोमवार कोand

शेयर बाजार में गिरावट के साथ कारोबार की शुरुआत हुई है। निवेशकों के लिए यह

हफ्ता थोड़ा चुनौतीपूर्ण हो सकता है क्योंकि बाजार पर वैश्विक संकेतों का सीधा असर देखने को मिल रहा है।


सेंसेक्स और निफ्टी में गिरावट

बीएसई का 30 शेयरों वाला प्रमुख इंडेक्स सेंसेक्स एक बड़ी गिरावट के साथ 81,299 के and

स्तर पर ओपन हुआ है। वहीं, एनएसई 50 शेयरों वाला प्रमुख सूचकांक निफ्टी 54 अंकों again

की गिरावट के साथ 24,782 पर खुला। इससे यह साफ हो जाता है की बाजार में बिकवाली besides

का दबाव बना हुआ है और निवेशकों की भावनाएं कमजोर है।again

गिरावट के पीछे के प्रमुख कारण

इस गिरावट के पीछे मुख्य कारण है वैश्विक बाजारों से मिलते-जुलते संकेत। एशियाई बाजारों

में मिलाजुला रुख देखने को मिला है, जहां कुछ प्रमुख इंडेक्स नीचे फिसले है तो कुछ स्थिर बने

हुए है। वहीं, अमेरिका के बाजारों में पिछले सप्ताह काफी ज्यादा मजबूती देखने को मिली थी।

इस हिसाब से अंदाजा लगाया जा रहा है की आने वाले दिनों में भारतीय बाजार मजबूत हो सकता है।

पिछले हफ्ते भी रहा था बाजार में दबाव

पिछले शुक्रवार को भी भारतीय शेयर बाजार में तेज गिरावट देखने को मिली थी। सेंसेक्स और besides

निफ्टी दोनों में ही गिरावट दर्ज की गई थी। सेंसेक्स 721 अंक (0.88%) लुढ़ककर 81,463.09

पर बंद हों गया। जबकि निफ्टी 50 ने 225 अंक की गिरावट के साथ 24,837.00 का स्तर छुआ।

यह लगातार दूसरे दिन की गिरावट देखने को मिली थी।

किन सेक्टर्स पर पड़ा असर?

आज की गिरावट में कई प्रकार के सेक्टर पर बड़ा बदलाव देखने को मिला है। कई दिग्गज however

कंपनियों के शेयरों में भी गिरावट आई है।

निवेशकों के लिए सलाह

फिलहाल बाजार में अस्थिरता बनी हुई है। ऐसे में निवेशकों को सलाह दी जाती है की whereas

वे सोच-समझकर निवेश करें और किसी भी अफवाह या शॉर्ट टर्म ट्रेंड के आधार पर निर्णय न

लें। लंबे समय के लिए मजबूत फंडामेंटल वाली कंपनियों में ही निवेश करना उचित होगा।

विदेशी निवेशकों की भूमिका

विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों की तरफ से लगातार पूंजी निकासी देखी जा रही है,

जो बाजार के लिए चिंता का विषय है। डॉलर की मजबूती और अमेरिका में ब्याज़ दरों

को लेकर अनिश्चितता भी भारत समेत उभरते बाजारों को प्रभावित कर रही है। besides

आने वाले दिनों में क्या उम्मीद?

विशेषज्ञों का मानना है की आने वाले दिनों में बाजार में कुछ सुधार देखने को for

मिल सकता है, लेकिन इसके लिए जरूरी है की वैश्विक संकेत सकारात्मक रहें और

विदेशी निवेशक फिर से भारतीय बाजार की ओर आकर्षित हों। इसके अलावा,

कंपनियों के पहली तिमाही के नतीजे भी बाजार की दिशा तय करेंगे।

सोने में गिरावट और तेल की उछाल

सोने की कीमत लगभग दो हफ्तों में नीचे आ गई है। अमेरिका यूरोप समझौते के whereas

बाद सुरक्षित निवेश वाली संपत्तियों में दिलचस्प काफी ज्यादा कम हो गई है।

स्पॉट गोल्ड 0.1% घटकर $3,332.39 प्रति औंस रहा। but

अब अगर हम कच्चे तेल की कीमतों की बात करें तो इसकी कीमत में काफी ज्यादा however

मजबूती देखने को मिली है। अमेरिका यूरोप समझौते और चीन के साथ टैरिफ yet

विराम बढ़ाने की उम्मीद के चलते हुए ब्रेंट क्रूड 0.34% बढ़कर $68.67 प्रति बैरल हुआ।

अब देखना यह है की आगे चलकर शेयर मार्केट की दुनिया में क्या कुछ बदलाव देखने को मिलता है

लेकिन हम आपको अपडेट देते रहेंगे।since

निष्कर्ष

कुल मिलाकर जुलाई के आखिरी हफ्ते की शुरुआत शेयर बाजार के लिए कमजोर रही है।

सेंसेक्स और निफ्टी दोनों प्रमुख इंडेक्स गिरावट के साथ खुले है, जिसका प्रमुख कारण वैश्विक

बाजारों से मिलते-जुलते संकेत और निवेशकों की सतर्कता है। इस अस्थिर माहौल में

समझदारी और धैर्य के साथ निवेश करना ही सबसे अच्छा उपाय है, धन्यवाद।yet

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