नमस्कार दोस्तों, इन दिनों दिल्लीवालों को दोहरी मुसीबत का सामना करना पड़ रहा है। जान लेवा बढ़ती गर्मी और बूंद-बूंद पानी के लिए तड़पते दिल्लीवाले। गर्मी से बचने के लिए तो एसी-कूलर या पंखे हैं, लेकिन पानी बिना काम कैसे चले? कहीं पानी के लिए रातभर लाइन, कहीं जिंदगी को दांव पर लगाकर टैंकर के पीछे भागते लोग तो कहीं आपस में उलझते लोग। दिल्ली में अधिकतर जगहों पर ऐसे ही हालात हैं। नहाना और कपड़े धोना तो दूर प्यास बुझाने के लिए भी संघर्ष है। जिस तरह की तस्वीरें सामने आ रही हैं, आपको देखकर लगेगा कि किसी अकालग्रस्त इलाके का दृश्य है।
दिल्ली में जहां एक तरफ तापमान 50-52 डिग्री के पास पहुंच रहा है तो वहीं दूसरी तरफ पानी की किल्लत लोगों की समस्या को और बढ़ा रही है। दिल्ली के कई इलाकों में 48 घंटे में केवल एक बार पानी मिल रहा है। कुछ स्थानों पर पानी की आपूर्ति रात के समय की जा रही है, जिसके चलते लोग पानी के लिए रातभर जागने को मजबूर हैं। दिल्ली सरकार समस्या का समाधान करने का प्रयास कर रही है, लेकिन फिलहाल राहत मिलना मुश्किल दिख रहा है। ‘हिन्दुज्जान’ ने दिल्ली के अलग-अलग इलाकों में जाकर जायजा लिया।
रजोकरी: ट्यूबवेल के कम प्रेशर से परेशानी
रजोकरी गांव के छोले वाली गली में पानी का टैंकर पहुंचते ही लोग पानी भरने के लिए लाइन में जुटते नजर आए। स्थानीय लोगों ने बताया कि इलाके में ट्यूबवेल के जरिए पानी की सप्लाई होती है, लेकिन ट्यूबवेल आपरेटर पानी की कमी बताकर कुछ गलियों में पानी की सप्लाई कर रहा है, जबकि अन्य स्थानों पर प्रेशर नहीं होने के चलते पानी नहीं पहुंच पा रहा है। लोगों को टैंकर से ही पानी भरना पड़ता है। जल बोर्ड द्वारा पानी के टैंकर से सप्लाई की जा रही है। टैंकर दिन में एक ही बार आता है, ऐसे में बाल्टियों के जरिए घरों में पानी भरना पड़ रहा है।
ओखला फेज-2: बंगाली कैंप में पानी के लिए तरसते लोग
ओखला फेज 2 स्थित बंगाली कैंप में गर्मी शुरू होते ही पानी की समस्या काफी बढ़ गई है। स्थानीय लोगों ने बताया कि यहां सालभर पानी की समस्या रहती है, लेकिन गर्मी का मौसम शुरू होते ही समस्या बद से बदतर हो जाती है। सीमित पानी की आपूर्ति की घोषणा के बाद और बुरे हालात हो गए हैं। बंगाली कैंप में 25 वर्षों से रह रहे हैदर अली ने बताया कि इलाके में पानी की व्यवस्था को लेकर किसी प्रकार का सुधार नहीं आया है। सामान्य परिस्थितियों में दिन में एक सरकारी टैंकर सुबह के समय पानी की आपूर्ति करता है। इससे यहां रहने वाले करीब 10 हजार लोगों की पानी की जरूरत पूरी होती है, लेकिन आजकल टैंकर भी आधा पानी लेकर आ रहा है, इससे किसी को पानी मिल पाता है तो कोई खाली हाथ लौट कर अगले दिन का इंतजार करता है। पिंटू मंडल ने बताया कि बाजार से पानी खरीदना उनके लिए संभव नहीं है। टैंकर से मिलने वाले पानी से ही वह किसी तरह गुजारा कर रहे हैं। यहां जितने पानी की आपूर्ति टैंकर से की जा रही है, वह लोगों के लिए पर्याप्त नहीं है। सारे पानी के बर्तन खाली पड़े हैं।
रोहिणी: 48 घंटे में सिर्फ एक बार आपूर्ति
बढ़ते तापमान के साथ दिल्ली के रोहिणी इलाके में भी पानी की किल्लत देखने को मिल रही है। रोहिणी के कई सेक्टरों में 48 घंटे के भीतर केवल एक बार दो घंटे के लिए पानी आता है। सर्दी में इस व्यवस्था से काम चल जाता था, लेकिन गर्मी में पानी कम पड़ जाता है। उसमें भी कई बार गंदा पानी आने से परेशानी बढ़ जाती है। रोहिणी सेक्टर-22 निवासी मुकेश राणा ने बताया कि उनके यहां 48 घंटे में केवल एक बार दो घंटे के लिए पानी आता है। इसके चलते गर्मी में कई स्थानों पर पानी की किल्लत हो रही है। बाजार से पानी का जार खरीदना पड़ रहा है।
गणेश नगरः शिकायत के बाद भी नहीं हो रहा समस्या का समाधान
राजधानी के व्यस्त इलाकों में से एक पूर्वी दिल्ली के गणेश नगर में लोगों को पानी की दिक्कत का सामना करना पड़ रहा है। स्थानीय निवासी राकेश कुमार ने बताया कि हमारे यहां तीन गलियों में पानी की काफी दिक्कत है। कई बार पानी के टैंकर मंगाने पड़ रहे हैं। कुछ लोगों ने अपने यहां दूसरे कॉलोनी से पानी की पाइप भी लगवाई है, लेकिन यहां पानी की समस्या का समाधान नहीं हो पा रहा है। पानी की किल्लत के चलते लोगों में स्थानीय स्तर पर आक्रोश है। इस समस्या को लेकर स्थानीय लोग कई बार पार्षद और विधायक को शिकायत दे चुके हैं, लेकिन उनसे कोई संतोषजनक जवाब नहीं मिल पाया है। जल बोर्ड के एक अधिकारी ने भी इस इलाके में पानी के कमी की बात को स्वीकार किया है। स्थानीय लोगों ने बताया कि 20 लीटर वाला जार 30 रुपये में मिल जाता था, लेकिन अब उसकी कीमत 50 रुपये ली जा रही है।
मुंडकाः पानी के लिए पैसा करो खर्च या रातभर जागो
मुंडका स्थित फ्रेंड्स एनक्लेव एक्सटेंशन के लोग पानी भरने के लिए रातभर जागने को मजबूर हैं। यहां पानी की आपूर्ति दिन की जगह रात में हो रही है। जरूरत पड़ने पर लोग पानी का टैंकर मंगवाकर और पानी का जार खरीदकर काम चला रहे हैं। पानी के जार खरीदने से आर्थिक बोझ बढ़ रहा है। आरडब्ल्यूए के उपाध्यक्ष रंजीत वर्मा ने बताया कि बीते कुछ दिन से पानी की समस्या बढ़ गई है। रात के समय पानी भरने के लिए इलाके के लोगों को जागना पड़ता है। इससे दिन में दफ्तर का काम करने में परेशानी होती है।
जहां ज्यादा जरूरत, वहां पहले भेजें टैंकर आतिशी
दिल्ली सरकार में जल मंत्री आतिशी ने बुधवार को रामलीला मैदान, दिल्ली गेट और झंडेवालान में तीन भूमिगत जलाशयों (यूजीआर) और आईपी एस्टेट टैंकर फिलिंग स्टेशन का निरीक्षण किया। उन्होंने दिल्ली जल बोर्ड (डीजेबी) के अधिकारियों को निर्देश दिया कि पानी को रोकने के लिए सभी आवश्यक उपाय किए जाएं। इसके साथ ही जहां सबसे ज्यादा जरूरत है वहां पर सबसे पहले पानी का टैंकर भेजें। मंत्री ने हरियाणा की तरफ से यमुना में छोड़े जा रहे पानी और रिकॉर्ड तापमान के चलते उत्पन्न स्थिति का भी आकलन किया। आईपी एस्टेट टैंकर फिलिंग स्टेशन के निरीक्षण के दौरान उन्होंने कहा कि अधिकारी इस चुनौतीपूर्ण समय के दौरान जल संकट से निपटने के लिए पूरी तरह तैयार रहें।
समय रहते समस्या पर काम नहीं किया भाजपा
पानी की किल्लत को लेकर भाजपा ने दिल्ली सरकार को जिम्मेदार ठहराया है। दिल्ली भाजपा प्रदेश अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने आरोप लगाया है कि दिल्ली सरकार ने समय रहते पानी की समस्या पर कोई ठोस कदम नहीं उठाया। आज संगम विहार से बवाना तक और कोंडली से बिजवासन तक पानी की समस्या है। सचदेवा ने कहा कि अप्रैल में ही पता चल गया था कि इस बार भीषण गर्मी पड़ने से पानी की कमी होने की आशंका है। ऐसे में दिल्ली सरकार की जिम्मेदारी थी कि वो दो महीने पहले से पुख्ता इंतजाम करने शुरू करती। सरकार ने समर एक्शन प्लान पर भी कोई काम नहीं किया, जिसका नतीजा है कि आज दिल्ली की जनता भीषण गर्मी में पानी जैसी मूलभूत जरूरतों के लिए परेशान है।